देश में कोरोना के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है। लेकिन और भी चिंताजनक बात ये है कि बच्चे भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली लहरों के उलट इस बार बड़ी तादाद में बच्चों में संक्रमण देखने को मिल रहा है।
दो साल से कम उम्र के शिशुओं में लक्षण गंभीर..
एक ओर जहां राहत की बात ये है कि ज़्यादातर मामलों में संक्रमण हल्का है। वहीं, चिंता की बात ये है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों में ये लक्षण गंभीर है। जो शिशुओं में सांस जैसी बीमारियां बढ़ा रहे हैं।
बच्चों में कोविड के जितने मामले आ रहे, हकीकत में उससे कहीं अधिक..
इस तीसरी लहर में बच्चों में लक्षण अधिक नजर आ रहे हैं। बच्चों में कोविड के जितने मामले आ रहे हैं, हकीकत में उससे कहीं अधिक हैं। अभी बुखार, पेट की समस्या जैसे हल्के लक्षणों के साथ कई बच्चे आ रहे हैं। लक्षणों की तीव्रता दो-तीन दिन रहती है, लेकिन शायद ही किसी को अस्पताल में दाखिल करने की आवश्यकता पड़ रही है।
स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है..
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बच्चों के लिए आईसीयू और गहन चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर कोई दबाव नहीं है, लेकिन मामलों में बढ़ोतरी होने पर ये व्यवस्था चरमरा सकती है। खासतौर पर बच्चों की देखभाल के लिए उच्च प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों की कमी में ऐसा हो सकता है। जिससे गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।