कोरोना महामारी को फ़ैलने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु लॉन्च किया गया था। इस ऐप के माध्यम से अपने आस-पास के क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण और उसके मरीज़ों का पता लगाया जा सकता है। अब 26 मई को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके आरोग्य सेतु ऐप के एंड्राइड वर्ज़न का सोर्स कोड जारी कर दिया है। इसका मतलब ये है कि इसका सोर्स कोड डेवलपर कम्युनिटी के लिए ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध है। ऐसा करने के पीछे बड़ा कारण ऐप को लेकर उठे सवाल हैं। तमाम साइबर सिक्यूरिटी फर्म, साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट्स के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस ऐप को लेकर चिंता जतायी थी। कहा गया कि ये ऐप लोगों की प्राइवेसी में सेंध लगाने के साथ ही लोगों की मूवमेंट पर नज़र रखने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। यहां तक कि इस ऐप के स्वास्थ्य संबंधी तकनीक के होने ज्यादा एक सर्विलांस सिस्टम होने की भी बात कही गयी।
आरोग्य सेतु ऐप को लेकर तब और संदेह बढ़ गया। जब एक फ्रेंच हैकर इलियट एंडरसन ने ट्वीट करके बताया कि इस ऐप में सिक्यूरिटी से जुड़ी समस्याएं हैं और 9 करोड़ लोगों की प्राइवेसी दांव पर लगी हुई है। और साथ ही उसने ये भी कहा कि राहुल गांधी इस ऐप के बारे में सही थे। इलियट ने ये भी कहा था कि सरकारी संस्थाओं में कहां कितने कोरोना के संक्रमित लोग हैं इसकी जानकारी उनके पास है। जिसके बाद एनआईसी और सीईआरटी की टीम ने इलियट से संपर्क किया था। तमाम साइबर सिक्यूरिटी संस्थाओं, इलियट और विपक्ष के सवाल उठाने की वजह से सरकर आरोग्य सेतु ऐप को लेकर लगातार सवालों के घेरे में आ गयी थी। साथ ही कई संस्थाएं जो इंटरनेट अधिकारों की सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं, उन्होंने कई जगहों पर इसके अनिवार्य किये जाने पर भी सवाल उठाया था।
हालांकि सरकार ने बाद में इसकी अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था। जिससे सरकार पर दबाव बना अंततः इस ऐप को ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म पर लाना ही पड़ा।
The #AarogyaSetuApp is now open source. Read the attached release documents to know more. pic.twitter.com/dubwKQTK0w
— Aarogya Setu (@SetuAarogya) May 26, 2020
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में ये भी बताया कि ये ऐप पारदर्शिता, निजता और गोपनीयता के लिए पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सरकार इतना खुला रुख नहीं अपनाती। साथ ही आईटी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश ने कहा कि ये बड़ा कदम है और करीब 11.5 करोड़ लोग जिस ऐप को इस्तेमाल कर रहे हैं उस ऐप के सोर्स कोड को जारी करके हम सिस्टम का दिल खोल रहे हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा इस ऐप में खामी निकालने पर इनाम की भी घोषणा की गयी है। ये चार श्रेणियों में होंगे। इस ऐप में सुरक्षा संबंधी सुधार को लेकर तीन श्रेणियां बनायीं गयी हैं। हर एक में एक लाख और कोड में सुधार के सुझाव को लेकर एक श्रेणी बनायीं गयी है। जिसमें भी 1 लाख रुपए का पुरस्कार रखा गया है।
आपको बता दें कि इस ऐप में दशकों पुरानी ब्लूटूथ तकनीक इस्तेमाल की जा रही है। क्यों की जा रही है ? और उसके नुकसान और फायदे किसको होंगे ? इसको लेकर हम जल्द ही एक स्टोरी लाने वाले हैं।
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