कांग्रेस के संकट मोचक कहे जाने वाले अहमद पटेल का बुधवार तड़के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 71 साल के थे और करीब एक महीने से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। वे आईसीयू में थे और उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उनके परिजनों ने यह जानकारी दी है।
अहमद पटेल गाँधी परिवार के काफ़ी निकट थे। इंदिरा गाँधी के समय राजनीतिक सफ़र शुरू करने वाले अहमद पटेल बाद में राजीव गाँधी और फिर सोनिया गाँधी के काफ़ी क़रीब रहे। वे सोनिया गाँधी के राजनीतिक सलाहकार भी थे। पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में उनकी बड़ी भूमिका थी। उन्होंने मंत्री बनने के बजाय संगठन को मज़बूत बनाने में योगदान दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने शोक संदेश में कहा है कि वे कांग्रेस को मज़बूत करने में दिये गये योगदान के लिए हमेशा याद किये जायेंगे। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ने भी अहमद पटेल के निधन पर गहरा शोक जताया है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के लिए तो यह निजी क्षति जैसी है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि उन्होंने एक वफ़ादार सहयोगी और एक ऐसा कॉमरेड खो दिया जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता।
Congress President Smt Sonia Gandhi’s condolence message on the demise of Shri Ahmed Patel. pic.twitter.com/JiOwjr3j1n
— Congress (@INCIndia) November 25, 2020
अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा सांसद थे। वे तीन बार लोकसभा और 5 बार राज्यसभा के सांसद रहे। अहमद पटेल ने पहली बार 1977 में 28 साल की उम्र में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीता था। यह वही चुनाव था जिसमें कांग्रेस पहली बार केंद्र में पराजित हुई थी, लेकिन अहमद पटेल की राजनीतिक यात्रा इसी चुनाव से शुरू हुई थी।