उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिये बस चलाने के कांग्रेस के प्रस्ताव से गरमाई राजनीति को ठंडा करने के लिए योगी सरकार सांप-सीढ़ी का खेल खेलने में जुट गयी है। कल रात यूपी सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव को पत्र लिखकर सभी एक हजार बसों के फिटनेस सार्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परिचालकों का विवरण लेकर सुबह दस बजे लखनऊ पहुचने को कहा था। आज जब कांग्रेस कार्यकर्ता लखनऊ जाने के लिए बसों के साथ आगरा के पास यूपी बॉर्डर ऊंचा नगला पहुंचे तो उनसे कहा जा रहा है कि वो बसों को गाजियाबाद और नोएडा लेकर जाएं। लेकिन अब उन्हें यूपी में ही नहीं घुसने दिया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्हें ऊपर से कोई सूचना नहीं है। बसों आगे नहीं जा सकती हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस की बसों को बॉर्डर पर रोकने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जोरदार हमला बोला है। रणदीप सुरजेवाला कहा कि “आदित्यनाथ जी हमेशा कहते हैं कि नर सेवा ही नारायण सेवा है, तो फिर पैदल चल रहे मजदूरों, महिलाओं की पीड़ा भाजपा की यूपी सरकार को नजर क्यों नहीं आ रही है? उनकी व्यथा और बेहाली भाजपा की आदित्यनाथ सरकार को नजर क्यों नहीं आती? सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की 600 बसे राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं. लेकिन सरकार उन्हें यूपी में आने की इजाजत नहीं दे रही है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “हमारा आदित्यनाथ जी से निवेदन है कि घटिया राजनीति बंद कीजिए; अपनी निरंकुशता और असंवेदनशीलता पर लगाम लगाइए। हम ज्यादा बसें देंगे। आदित्यनाथ आप अपनी फोटो लगा लो उन बसों पर, लेकिन मजदूरों को घर जाने दीजिए।
इस प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी के उस आरोप को भी निराधार बताया गया, जिसमें कांग्रेस की भेजी बसों में से कई के रजिस्ट्रेशन नंबर ऑटो रिक्शा और दोपहिया वाहनों के होने की बात कही गई थी। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि “बसों को लेकर जिनको सन्देह है, वो वहां जाकर देख ले। प्रियंका जी लगातार कह रही हैं कि हमें राजनीति नहीं करना। हमें बस सहयोग करना है। भाजपा इन बसों पर अपना झंडा लगा ले, लेकिन इन मजदूरों को घर जाने दे। अब समय बर्बाद न कीजिए ।
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वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि “एक तरफ मुख्य सचिव ‘फरमान” हैं कि बसों को गाजियाबाद, नोएडा ले आओ, दूसरी तरफ अब हमें उप्र में घुसने से मना किया जा रहा है। आखिर हो क्या रहा है? क्या तानाशाही है?
भाजपा के लोगों को ये स्कूटर दिखेंगे लेकिन यूपी सरकार से निवेदन है कि कृपया श्रमिकों को राहत देने के लिए इन्हें जाने दें।#आदित्यनाथ_का_अत्याचार pic.twitter.com/6gc3n8unVt
— UP Congress (@INCUttarPradesh) May 19, 2020
इस पूरे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को पत्र भी लिखा था। पत्र में कहा गया है कि “आपका पत्र अभी दिनांक 19 मई को 11.05 बजे मिला। इस संदर्भ में बताना चाहता हूं कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से, इनके लिए दोबारा परमिट दिलवाऩे की कार्यवाही जारी है। बसों की संख्या अधिक होने के नाते इसमें कुछ घंटे लगेंगे। आपके आग्रहानुसार यह बसें गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर शाम 5 बजे पहुंच जाएंगी। आपसे आग्रह है कि 5 बजे तक आप भी यात्रियों की लिस्ट और रूट मैप तैयार रखेंगे ताकि इनके संचालन में हमे कोई आपत्ति न आए।”
पत्र में संदीप सिंह ने लिखा कि “यह एक ऐतिहासिक कदम होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस पार्टी, मानवीयता के आधार पर, सब राजनीतिक परहेजों को दूर करते हुए, एक दूसरे के साथ सकारात्मक सेवा भाव से जनता की सहायता करने जा रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से आपको साधुवाद।
दरअसल प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी सरकार से बस चलाने के लिए लगातार अनुमति मांग रही थी। कई दिनों बाद यूपी सरकार ने बस चलाने की अनुमति दी और बसों की सूची भेजने को कहा। लेकिन जब प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने बसों की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी तो यूपी सरकार एक नया शिगूफा लेकर आ गयी। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निज़ी सचिव को एक पत्र लिखकर चलायी जाने वाली सभी 1 हज़ार बसों के फ़िटनेस सर्टिफिकेट, सभी के ड्राइविंग लाइसेंस और परिचालकों का पूर्ण विवरण के साथ ही सभी 1 हज़ार बसों को 19 मई 2020 प्रातः 10 बजे तक लखनऊ के जिलाधिकारी के पास उपलब्ध कराने को कहा। अब जब कांग्रेस कार्यकर्ता बसों को लखनऊ लेकर जाने के लिए आगरा के पास ऊंचा नगला पहुंचे तो पहले उन्हें गाजियाबाद या नोएडा जाने के लिए कहा गया। लेकिन अब उन्हें यूपी बॉर्डर में घुसने ही नहीं दिया जा रहा है।
दरअसल प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक हज़ार बसें कांग्रेस द्वारा चलाने का प्रस्ताव भेजा था। 2 दिन बाद इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकार करके बसों की सूची मांगी। जिसके बाद कांग्रेस ने सभी बसों और चालकों-परिचालकों की सूची भेज भी दी थी।
लेकिन अब सरकार कभी बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस के साथ लखनऊ पहुंचने को कहती है तो कभी नोएडा, गाजियाबाद जाने को बोलती है. लेकिन उन्हें यूपी बार्डर में घुसने नहीं दे रही है. यह भी ख़बर है कि यूपी परिवहन के अधिकारियों ने बस मालिकों को चेताया है कि वे कांग्रेस को किसी भी रूप में बसें न दें। इसके लिए कोई आदेश नहीं निकाला गया है, लेकिन कांग्रेस नेताओं को कहना है कि मौखिक रूप से तमाम बस मालिकों को यह आदेश दिया गया है। यह सीधे-सीधे सत्ता का दुरुपयोग है।