बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज दोपहर पौने दो बजे के आसपास कुछ गुंडों ने शक्ति बाबू नाम के एक छात्र पर जानलेवा हमला कर के उन्हें घायल कर दिया। यह घटना विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर हुई। हमलावर वे ही लोग थे जिन्होंने कुछ दिनों पहले वहां के शिक्षक संजय कुमार को मारा-पीटा था।
यह जानकारी विश्वविद्यालय के शिक्षक यूनियन के संयुक्त सचिव मृत्युंजय यादवेंदु ने दी है।
उन्होंने बताया कि उक्त छात्र ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा कुलपति प्रो. अरविंद अग्रवाल के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च में हिस्सा लिया था। इसके अलावा प्रो. संजय कुमार पर जानलेवा हमले के खिलाफ भी उसने आवाज़ उठायी थी।
इससे पहले बुधवार और मंगलवार को तीन छात्राओं को इन गुंडों ने डराया धमकाया था और उनके कपड़े फाड़ दिए थे। इस घटना पर यूनियन के संयुक्त सचिव मृत्युंजय का कहना है कि प्रशासन ने विश्वविद्यालय को एक कनसंट्रेशन कैंप में तब्दील कर डाला है। उन्होंने इस विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को बचाने के लिए मीडिया से अपील की है।
गौतलब है कि प्रो. संजय कुमार पर जानलेवा हमले के बाद मृत्युंजय ही उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली लेकर आए थे। प्रो. संजय को गंभीर चोटें आई हैं और दिमाग पर गहरा सदमा लगा है। उन्हें एम्स के आर्थो वार्ड में भर्ती किया गया था जहां से उन्हें कुछ दिन पहले छुट्टी मिल गई है और वे दिल्ली में ही हैं।
प्रो. संजय पर हमले की घटना के बाद इस बीच एक महीने में विश्वविद्यालय में काफी असंतोष व्याप्त है। कल बुधवार को झमाझम बारिश में कुलपति के खिलाफ मोतिहारी में एक तगड़ा प्रदर्शन हुआ था जिसमें शिक्षकों और छात्रों ने जबरदस्त भागीदारी की थी।
शिक्षक यूनियन ने इस बारे में एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कुलपति की फर्जी डिग्री सहित भ्रष्टाचार के तमाम मुद्दे उठाए हैं और इस विश्वविद्यालय की भ्रूण हत्या को रोकने का आह्वान किया है।