इलाहाबाद युनिवर्सिटी पर मीडियाविजिल की विस्तृत रिपोर्ट का असर पड़ा है। विश्वविद्यालय की बदहाली का मामला मंगलवार को राज्यसभा में जोरशोर से उठा। सांसद रेवती रमण सिंह ने विश्वविद्यालय के यूजीसी ऑडिट का हवाला देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री से सवाल किया कि इस संस्थान को बचाने के लिए उनहोंने जो कार्रवाई की है, उससे सदन को अवगत करावें।
मीडियाविजिल ने यूजीसी की ऑडिट रिपोर्ट के बहाने प्रकाशित एक विस्तृत रिपोर्ट में बताया था कि कैसे कुलपति रतन लाल हंगलू को अपने तरीके से काम नहीं करने दिया जा रहा है और कुछ अवकाश प्राप्त प्रोफेसर और उनके लोग काम में अड़ंगा डालकर मुकदमेबाजी में लगे हुए हैं।
सांसद रेवती रमण सिंह ने यूजीसी की ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से सदन को बताया कि कुलपति वहां काम करना चाहते हैं लेकिन कुछ पुराने लोग प्रच्छन्न हितों के चलते उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं जिसके कारण लिटिगेशन की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को विश्वविद्यालय के वित्तीय संकट के मामले में हस्तक्षेप कर उसकी मदद करनी चाहिए।
जिन सांसदों ने इस विषय से खुद को संबद्ध किया, उनमें नीरज शेखर, आलोक तिवारी, बिशम्भर प्रसाद निषाद, चंद्रपाल सिंह यादव और पश्चिम बंगाल से रीताब्रता बनर्जी शामिल हैं।
सभापति ने कहा कि चूंकि यह युनिवर्सिटी से जुड़ा मामला है, इसलिए संबद्ध मंत्री सांसदों को बुलाकर बात करें क्योंकि आपस में चर्चा करने से ज्यादा फायदा होगा।
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