पटना में ABVP की उपाध्यक्ष के फर्जी शपथग्रहण का विरोध कर रहे छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज

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पटना, सम्पूर्ण क्रान्ति डॉट कॉम / ANI


सोमवार को पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) छात्रसंघ के पदाधिकारियों का शपथग्रहण समारोह था लेकिन इस समारोह ने पटना यूनिवर्सिटी के इतिहास को कलंकित कर दिया जब शपथग्रहण का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया और खूब पीटा।

इस घटनाक्रम के पीछे मामला पीयू छात्रसंघ के अध्यक्ष पद पर विजयी निर्दलीय प्रत्याशी दिव्यांशु भारद्वाज और उपाध्यक्ष पद पर विजयी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की योषिता पटवर्धन के फ़र्ज़ी नामांकन का है। दिव्यांशु भारद्वाज (अध्यक्ष) ने एबीवीपी से बग़ावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और योषिता पटवर्धन (उपाध्यक्ष) ने एबीवीपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फ़ौरी जांच कर इनका चुनाव रद्द कर दिया था। इस कार्रवाई से एबीवीपी बैकफुट पर आ गयी थी।

यूनिवर्सिटी प्रशासन के फ़ैसले को दिव्यांशु ने हाइकोर्ट में चुनौती दी और हाइकोर्ट ने ये कहते हुए इनका पद बहाल कर दिया कि जिस प्रक्रिया के तहत जांच की गई है वो सही नहीं है। कोर्ट ने ग्रीवांस सेल से जांच करवाने को कहा और तब तक दिव्यांशु का पद बहाल कर दिया।

एबीवीपी की योषिता के लिए ऐसा कोई फ़ैसला नहीं था, फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने शपथ ग्रहण करवा दिया। इसी का विरोध करते हुए आइसा, एआईएसएफ, छात्र जदयू, जेएसीपी, छात्र राजद ने नारेबाज़ी की। इसी पर कुलपति महोदय ने छात्रों पर लाठीचार्ज करवा दिया। लाठीचार्ज इतना बर्बर था कि जिन छात्रों को चोट लगी है वे फ़िलहाल बात करने लायक़ भी नहीं है।

घायल छात्रों में प्रमुख रूप से छात्र जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद शादाब आलम और जेएसीपी के पीयू अध्यक्ष गौतम आनंद, मीतू कुमारी (आइसा से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी), राहुल रॉय (छात्र राजद से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी) हैं।

इस समारोह में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के संयुक्त सचिव मोहम्मद असजद उर्फ़ आज़ाद चांद ने शपथ लेने से इनकार कर दिया और शपथ पत्र फाड़कर विरोध जाहिर किया।

छात्रों का आरोप है कि कुलपति ने राज्यपाल और कुछ केंद्रीय मंत्रियों के दबाव में आकर विद्यार्थी परिषद के फ़र्ज़ी डिग्रीधारकों का शपथग्रहण कराया गया है।


खबर साभार सम्पूर्ण क्रान्ति 


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