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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 23 सितंबर की रात हुई हिंसा, आगजनी और छात्राओं पर पुलिसिया लाठीचार्ज की जांच के लिए शहर की अपराध शाखा ने दस लोगों को गवाही देने का नोटिस थमाया है। इनमें एनएसयूआइ के विकास सिंह, अतुल प्रकाश जायसवाल, एलएन शर्मा, मृम्युंजय कुमार मौर्य, हिमांशु प्रभाकर, धनंजय त्रिपाठी, सुनील यादव, रोशन पाण्डे, यशपाल सिंह और शांतनु हैं।
इन दसों ने छात्राओं के खिलाफ हुई छेड़खानी के मामले पर अपनी आवाज़ उठायी थी लेकिन इनके ऊपर हत्या की कोशिश, दंगा, विस्फोटक का इस्तेमाल समेत कई मामलों में चार्ज लगाकर नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में पहले 1200 छात्रों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।
आइपीसी की जो धाराएं लगाई गई हैं, वे गंभीर हैं। इनमें दंगा भड़काने के लिए धारा 147, 148, गैरकानूनी संगठन के लिए 149, लोकसेवक पर हमले के लिए धारा 353 और धारा 332, हत्या की कोशिश के लिए धारा 307, दूसरों की जान खतरे में डालने के लिए धारा 336, 50 रुपये तक के नुकसान के लिए धारा 427, विस्फोटक के इस्तेमाल के लिए धारा 436 लगाई गई है।
इनमें भगतसिंह आंबेडकर विचार मंच के सुनील यादव, एनएसयूआइ, एबीवीपी और यूथ फॉर स्वराज जैसे विभिन्न संगठनों के छात्र-युवा शामिल हैं। इन्हें तीन दिन का वक्त अपराध शाखा की ओर से दिया गया है कि वे वहां जाकर घटना के संबंध में अपने बयान दर्ज करावें।