बीएचयू में जंतु विज्ञान विभाग की छात्राओं पर अश्लील कमेंट के आरोप में प्रोफेसर शैल कुमार चौबे के निलंबन, बहाली और फिर छुट्टी पर भेजे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कुलपति को लिखे पत्र में जांच समिति की रिपोर्ट के साथ ही अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.राष्ट्रीय महिला आयोग ने यौन शोषण के दोषी प्रोफेसर की बहाली वाले प्रकरण को स्वतः संज्ञान लेकर बीएचयू के कुलपति को नोटिस जारी की है.
छात्राओं ने अक्टूबर 2018 में शैक्षणिक टूर के दौरान पुणे में प्रोफेसर चौबे पर शारीरिक बनावट को लेकर अश्लील कमेंट करने सहित कई आरोप लगाए थे. इसकी शिकायत कुलपति से हुई और उसके बाद प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया. मामले की जांच कराई गई और जांच कमेटी ने छात्राओं के आरोपों को सही ठहराते हुए रिपोर्ट कुलपति को भेजी थी.
उधर, सात जून 2019 को कार्यकारिणी परिषद में फैसले के बाद उन्हें चेतावनी जारी करते हुए बहाल कर दिया गया. इसके बाद प्रोफेसर चौबे विभाग आने लगे तो छात्राओं ने विरोध किया. इसके बाद उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है.
छात्राओं ने शिकायत की थी कि अक्टूबर 2018 में पुणे दौरे के दौरान, चौबे ने कुछ लड़कियों पर आपत्तिजनक और भद्दी टिप्पणियां की थीं. छात्राओं ने दौरे से लौटने के बाद प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. बीएचयू प्रशासन ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की जिसके बाद प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया. समिति ने छात्राओं के बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की, उसमें चौबे को दोषी पाया गया.
चौबे की बर्खास्तगी की मांग को लेकर छात्राओं ने शनिवार, 14 सितम्बर की रात को धरना शुरू कर दिया. तख्तियां लेकर छात्राओं ने बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
NSUI supports BHU students' protest against the reinstatement of Prof SK Chaubey despite charges of sexual harassment against him being found true by a probe committee. The VC's decision to bring him back is a contempt of girl students' rights to safety and security. #BHU pic.twitter.com/zdh6kjDrfJ
— NSUI (@nsui) September 15, 2019
बीएचयू के सिंहद्वार पर धरनारत छात्र-छात्राओं ने शनिवार रात विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया. कहा कि जांच समिति ने जब जंतु विज्ञान विभाग के प्रो. एसके चौबे को दोषी माना है तो विवि प्रशासन ने उन्हें क्यों बहाल कर दिया? आरोपित प्रो. चौबे को बचाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
Day 2
Girls are marching on against the professor SK Chuabe#SackSKChaube #MisogynistBHUVC #BHU pic.twitter.com/ahpIPgRd4p— PM RaGa (@raga4_pm) September 15, 2019
https://twitter.com/AisaBhu/status/1172876861807812608
अब इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कुलपति को लिखे पत्र में जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है.
वहीं,बीएचयू के रजिस्ट्रार नीरज त्रिपाठी ने कहा, “उन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था, लेकिन अब प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस मामले को फिर से बीएचयू में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय तक ले जाया जाएगा.”त्रिपाठी ने कहा, “उपकुलपति ने शिकायत का संज्ञान लिया और उन्हें निलंबित कर दिया. एक जांच समिति ने बाद में एक रिपोर्ट दायर की और बीएचयू के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय ने प्रोफेसर पर प्रतिबंध लगा दिया है.
Varanasi: Students of Banaras Hindu University(BHU) protest in campus against reinstatement of suspended Prof SK Chaube, accused of molesting a girl student. Registrar says "He was earlier suspended&is now censored.Matter will again be taken to BHU's highest decision making body" pic.twitter.com/lLaoTmlz7x
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 14, 2019