रोहित वेमुला के ग़ैरदलित होने के गुंटूर प्रशासन के ऐलान के बाद अब रोहित वेमुला के दादा का पत्र चर्चा में है जो इस बात का खंडन कर रहा है। रोहित के दादा कांतिलाल दांडे ने इसे जून 2006 में लिखा था
इस पत्र में कांतिलाल दांडे ने लिखा था-”
“ जब मेरे बेटे और राधिका का तलाक हो गया तो मेरा उससे मिलना नहीं होता था। एक बार मुझे पता चला कि राधिका पर लकवे का हमला हुआ तो मैं उससे मिला। मुझे अंजली देवी (राधिका उनके यहाँ ही पलीं-बढ़ीं थीं ) ने निजी तौर पर बताया था का राधिका वड्डेरा समुदाय से संबंध नहीं रखती। वह अनुसूचित जाति से हैं। ”
इस पत्र में उन्होने आगे लिखा है, “मैं पूरी मज़बूती से कहता हूँ कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखती हैं और उसके बच्चों को भी वही जाति मिली है क्योंकि उसने बिना मेरे परिवार या मेरे बेटे (रोहित के पिता मणि कुमार) के सहयोग से अपने बच्चों को बड़ा किया है। उसके बच्चों की जाति वही है जो राधिका की है।”
जानकारी के मुताबिक राधिका वेमुला माला जाति से हैं जो अनुसूचित जाति में दर्ज है जबकि उनकी शादी जिनसे हुई वे आंध्रप्रदेश में पिछड़ी जाति में दर्ज है।
प्रशासन के इस रवैये के ख़िलाफ़ रोहित के लिए न्याय माँगने वाले काफ़ी ख़फ़ा हैं। रोहित की माँ और भाई ने इसे शर्मनाक हरक़त बताया है। आँध्रप्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार है जिनका मोदी से क़रीबी रिश्ता जगजाहिर है। हाल ही में रोहित की माँ राधिका वेमुला को प्रशासन ने नोटिस भेजकर कहा है कि उन्होंने दलित होने का सर्टिफिकेट ग़लत तरीके़ से बनवाया है। अगर 15 दिन में जवाब ना मिला तो सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाएगा।
वैसे,यह देखना दिलचस्प है कि रोहित अगर पिछड़ी जाति का हो तो उसकी मौत बीजेपी के लिए कोई मुद्दा नहीं है। वह राहत की साँस लेती है गोया पिछड़ी जाति के छात्रों का तनाव और उनकी मौत सहज बात है।
दरअसल, रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या नहीं उसका दलित होना मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब है। इसलिए उसे ग़ैरदलित साबित करने की जी-तोड़ कोशिश हो रही है।
ऐसा लगता है कि प्रशासन अब रोहित के परिवार के ख़िलाफ़ कार्रवाई के मूड है, क्योंकि ऐसा ना हुआ तो बीजेपी नेताओं पर दलित अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय पर आरोप है कि उनके ग़ैरज़रूरी दबाव की वजह से हैदराबाद युनिवर्सिटी प्रशासन ने सख़्ती की और रोहित ख़ुदकुशी के लिए मजबूर हुआ। दत्तात्रेय और कुलपित अप्पा राव के ख़िलाफ़ एफआईआर भी दर्ज है। उन्हें बचाने के लिए ज़रूरी है कि रोहित को ग़ैरदलित साबित किया जाए।