जामिया: छात्रों की बड़ी जीत, प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस वापस लिया, सभी मांगें मंजूर

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जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्र आन्दोलन के आगे यूनिवर्सिटी प्रशासन को झुकना पड़ा. दस दिन तक चले आन्दोलन के बाद प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस वापस ले लिया है साथ ही छात्रों की सभी मांगे मान ली है. प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि आगे से किसी कार्यक्रम में इजराइल को शामिल नहीं किया जायेगा.

बता दें कि 5 अक्टूबर को जामिया में एक कॉन्फ्रेंस हुई थी जिसमें इजरायल के भी कुछ डेलीगेट्स शामिल हुए थे. इस कॉन्फ्रेंस के विरोध में कुछ छात्रों ने ये कहकर प्रदर्शन किया कि जामिया हमेशा फलस्तीन का समर्थक रहा है ऐसे में इजरायल के डेलीगेट्स को आने की इजाज़त क्यों दी गयी. जामिया प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल पांच छात्रों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया था.

छात्र 22 अक्टूबर की पूरी रात और 23 अक्टूबर को पूरे दिन जामिया की वाइस चांसलर नज़मा अख़्तर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते रहे. जहां छात्रों के साथ प्रशासन की तीखी झड़प हुई, तोड़फोड़ हुई और कई छात्र घायल हो गये. उसके बाद में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से कई बार की वार्ता की और विवाद को सुलझाया. जामिया प्रशासन ने छात्रों को दिया गया कारण बताओ नोटिस भी वापस ले लिया.

जामिया के एक छात्र चंदन कुमार ने बताया कि यह छात्र आन्दोलन की एक बड़ी जीत है जिसे शांतिपूर्ण आन्दोलन से हासिल की गई.

छात्र संगठन आइसा (AISA) ने सभी छात्रों को बधाई दी है और इसी तरह सभी छात्रों को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में एकजुट रहने का आह्वान किया है.


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