दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान आइआइएमसी (भारतीय जनसंचार संस्थान) में पुरुष छात्रावास के बोर्ड पर ‘पुरुष’ को पेंट से रंग दिया गया है जिससे अटकलें तेज़ हैं कि शायद अगले सत्र से संस्थान छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा को समाप्त करने जा रहा है।
छात्रों के लिए छात्रावास का अधिकार पूर्व छात्रों के तगड़े संघर्ष के बाद यूपीए सरकार में बहुत मुश्किल से हासिल हुआ था। आइआइएमसी में पहले छात्रों और छात्राओं के लिए छात्रावास हुआ करते थे लेकिन बीच के कुछ वर्षों में छात्रों के लिए यह सुविधा खत्म कर दी गई थी। कुछ साल पहले पूर्व छात्रों ने जब इस मुद्दे को लेकर आवाज़ उठायी और सुनित टंडन के कार्यकाल में आंदोलन हुआ, तब जाकर यह सुविधा दोबारा बहाल की गई थी।
केंद्र में सरकार बदलने और संस्थान में केजी सुरेश के आने के बाद से ही संस्थान विवादों में लगातार घिरा रहा। बीच में एक शिक्षक को निकाले जाने को लेकर कुछ बवाल हुआ जिसके चलते एक छात्र को निलंबित किया गया। फिर दलित उत्पीड़न का सवाल उठा। कुछ दिन पहले यहां बस्तर के कुख्यात पुलिस अधिकारी पूर्व आइजी एसआरपी कल्लूरी आए और संस्थान में वैदिक विधि से यज्ञ हुआ, तो संस्थान की काफी बदनामी हुई थी।
इसी बीच संस्थान में महीने भर के भीतर चार बार सूचना अधिकारी भी बदले जा चुके हैं। अब बाबासाहब डॉ. भीमराव छात्रावास के बोर्ड और साइनबोर्ड से ‘पुरुष’ को पेंट कर के मिटाया जाना एक नए विवाद को जन्म दे रहा है। गनीमत है कि इस वक्त सत्र खत्म हो चुका है, लेकिन अगर तस्वीर पर लिखी इबारत को सच मानें तो सवाल उठता है कि नए सत्र में दूरदराज़ से आए छात्रों का क्या होगा, जिन्होंने छात्रावास सुविधा देखते हुए ही यहां आवेदन किया था।