दीवारों पर लिखी इबारत को सच माना जाए तो भारत के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान IIMC (भारतीय जन संचार संस्थान) ने बरसों बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आखिरकार खोज निकाला है। संस्थान की दीवार पर लगे नोटिस बोर्ड से नत्थी एक सूचना के मुताबिक बुधवार 5 अप्रैल 2017 को दिन में 3.30 से 4.45 बजे के बीच ”सुभाष चंद्र बोस का विशेष व्याख्यान” आयोजित होगा। यह सूचना ”पत्रकारिता का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम” शीर्षक से संस्थान की दीवार पर चस्पां है जिसके नीचे 3 अप्रैल से 7 अप्रैल 2017 की समय सारणी का विवरण है।
दरअसल, संस्थान में 3 अप्रैल को यानी आज ज़ी मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा का एक प्रेरक व्याख्यान होना था जिसकी ख़बर मीडियाविजिल ने 30 मार्च को प्रकाशित की थी। इस व्याख्यान को बाद में एक सरकारी सूचना के मुताबिक टालकर 5 अप्रैल कर दिया गया। हिंदी पत्रकारिता विभाग ने छात्रों के लिए जो समय सारणी नोटिस बोर्ड पर चिपकाई है, उसमें सुभाष चंद्रा की जगह ”सुभाष चंद्र बोस” लिखा हुआ है।
सोमवार को संस्थान में गए एक पत्रकार की निगाह इस संदेश पर पड़ी तो उसने इसकी ख़बर दी। बहरहाल, सूचना यह है कि सुभाष चंद्रा के व्याख्यान के लिए संस्थान में तैयारी चाक-चौबंद है। पूरी कोशिश की जा रही है कि इस व्याख्यान में किसी बाहरी को प्रवेश न दिया जाए और अनावश्यक अड़चन न आने पाए। इसी वजह से छात्रों को रेडीमेड सवाल भी दे दिए गए हैं, जैसा कि ‘सुभाष चंद्रा शो’ के हर एपिसोड में होता रहा है।
इससे वक्ता को जवाब देने में आसानी होगी और छात्रों तक प्रेरणा पहुंचाने में भी सहजता आएगी। संस्थान द्वारा इस संबंध में जारी पहली अधिसूचना में इस व्याख्यान को छात्रों के लिए ”प्रेरक” बताया गया है। ज़ाहिर है, प्रेरणा किसी से भी ली जा सकती है। खासकर सुभाष चंद्रा से तो ली ही जानी चाहिए जिसने आइआइएमसी के ही पूर्व छात्र सुधीर चौधरी को रिश्वतखोरी के मामले में तिहाड़ हो आने के बाद भी अपने यहां न केवल बनाए रखा, बल्कि लगातार भ्रष्टाचार के कीचड़ में सने उसके हाथ मज़बूत किए हैं।
अपने संपादक पर मालिक का ऐसा भरोसा और कहां देखने को मिलता है? मरहूम विनोद मेहता यूं ही नहीं अपने कुत्ते को ”एडिटर” कह कर पुकारते थे। संस्थान के छात्रों को बुधवार को मिलने वाली प्रेरणा का बेसब्री से इंतज़ार है। अगले अपडेट के लिए मीडियाविजिल पर नज़र बनाए रखें।