बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राओं के ऊपर शनिवार आधी रात की गई पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ अब बड़े नाम मैदान में आ गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, निखिल डे और शंकर सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पत्र लिखकर इस घटना की कठोर निंदा की है।
रविवार को भेजे अपने पत्र में इन्होंने लिखा है कि यह घटना दर्शाती है कि कुलपति अब विश्वविद्यालय को चला पाने में पूरी तरह नाकाम हो चुके हैं। पत्र में मांग की गई है कि इस बर्बर कार्रवाई के लिए पुलिस पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए और संबंधित एसपी/डीआइजी को निलंबित किया जाए और मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए। इसके अलावा छात्राओं द्वारा उठायी गई तमाम मांगों को अविलंब मानने की सिफारिश की गई है।
इस बीच रविवार को ही बनारस की संस्था मानवाधिकार जन निगरानी समिति (पीवीसीएचआर) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक शिकायती पत्र लिखते हुए बीएचयू की घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। पीवीसीएचआर के प्रमुख डॉ. लेनिन रघुवंशी ने एनएचआरसी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में दो मांगें की हैं:
- छात्रों पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच
- शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही छात्राओं की मांगों पर त्वरित प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटना के खिलाफ एक पिटीशन भी चल रहा है। इसके अलावा एक स्वतंत्र हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें इस घटना की निंदा करते हुए उसे प्रधानमंत्री को सीधे भेजने की अपील की गई है।