बीएचयू में छात्रसंघ बहाली, लाइब्रेरी को 24 घंटे खोले जाने, हॉस्टल की सुविधा सहित 11 सूत्रीय मांगों के लिए मंगलवार से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं. छात्रों ने कहा कि पूर्व में ज्ञापन देने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने समस्याओं के निवारण के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जिसके विरोध में भूख हड़ताल शुरू की गई है.
छात्रों का आरोप है कि वहां उनसे विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई मिलने नहीं आया. छात्र ने यह भी आरोप लगाया है कि,पहले तो टॉयलेट व पानी पीने की जगह को बंद कर रहे थे लेकिन नोक झोंक के बाद उन्हें खुला छोड़ना पड़ा। इनका छात्र विरोध रवैया साफ साफ जाहिर होता है. जिसके विरोध में छात्रों ने बुद्धिजीवियों और न्यायपसन्द नागरिक समाज से उनकी हड़ताल को समर्थन देने की अपील की है.
बीते 4 सितंबर को भगत सिंह छात्र मोर्चा की तरफ से कुलपति को ज्ञापन दिया गया था, जिसमें हॉस्टल, महिला सुरक्षा, शैक्षणिक महौल व कैंपस लोकतंत्र सहित कई मांगे की गई थी.
हड़ताल पर बैठे छात्रों की मुख्य मांगें हैं:
1. सभी स्टूडेंट्स को हॉस्टल मुहैया कराया जाय और जबतक होस्टल नहीं मिल जाता तब तक उन्हें डेलीगेसी भत्ता दिया जाय।
2. लाइब्रेरी को 24 घंटे खोला जाय, नई व जरूरी पुस्तके तत्काल मँगाई जाय, व साइबर लाइब्रेरी में सीटों की संख्या बढ़ाकर 1000 की जाय।
3. महिला छात्रावासों से कर्फ्यू टाईमिंग खत्म की जाय व छात्राओं की सुरक्षा के लिये GSCASH (Gender sensitization committee against sexual harassment) लागू किया जाए।
4. विश्वविद्यालय के सभी विभागों व संकाय में महिला शौचालय बनवाया जाय।
5. कैम्पस में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई जाए।
6. विकलांग छात्र – छात्राओं के लिए EOC (Equal opportunity cell) का गठन किया जाय। जो उनके अकादमिक व अन्य जरूरत की चीजों को मुहैया करायेगा।
7. छात्र संघ, कर्मचारी संघ व शिक्षक संघ बहाल करो।
8. सभी महिला छात्रावासों में कैंटीन की व्यवस्था की जाय। और कैंपस में 24×7 कैंटीन की व्यवस्था की जाय।
9. सभी हॉस्टल के मेस व कैंटीनों को सब्सिडीयुक्त कर सस्ता किया जाय।
10. नवीन हॉस्टल में एक रूम में 2 से अधिक छात्राओं का आवंटन बंद किया जाय।
11. महिला छात्रावासों में non academic staff को ही वार्डन सहित अन्य पदों पे नियुक्त किया जाय।
भूख हड़ताल दुसरे दिन भी जारी है. दूसरे दिन कुछ बच्चों की तबियत बहुत बिगड़ चुकी है. हड़ताल स्थल पर उनका मेडिकल जांच किया गया.