शिव दास
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग में वर्षों से व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं की सड़ांध बुधवार को बाहर आ गई। विभाग के दर्जनों छात्र विभागीय पुस्तकालय के नियमित संचालन, आधुनिक कंप्यूटर लैब और स्टूडियो की स्थापना, संपादन कक्ष में छात्रों के प्रवेश और पीने योग्य पानी समेत विभिन्न मांगों को लेकर सुबह करीब आठ बजे मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। इससे कोई भी छात्र, शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी विभाग में प्रवेश नहीं कर सका। थोड़ी देर में पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया।
विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष और चीफ प्राक्टर पूरे दिन आंदोलनकारी छात्रों को मनाते रहे लेकिन वे विश्वविद्यालय प्रशासन से सीमित समय में उक्त समस्याओं का हल किये जाने का लिखित आश्वासन की मांग पर डटे रहे। शाम करीब छह बजे धरनास्थल पर पहुंचे कुलसचिव नीरज त्रिपाठी और विभागाध्यक्ष अनुराग दवे के लिखित आश्वासन पर छात्रों ने अनिश्चितकालीन धरना समाप्त किया।
क्या था मामला?
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय के अधीन पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग के छात्र पिछले कई सालों से विभागीय लाइब्रेरी में पुस्तकालयाध्यक्ष की नियुक्ति कर उसका नियमित संचालन करने, आधुनिक कंप्यूटर और स्टूडियो लैब की स्थापना करने, आधुनिक संपादन कक्ष की स्थापना कर उसमें छात्रों को नियमित प्रशिक्षण दिये जाने, पीने योग्य शुद्ध पानी की व्यवस्था किये जाने समेत विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराये जाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिख रहे थे लेकिन उन्हें मौखिक आश्वासनों के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लग रहा था।
विभाग के छात्रों ने गत 22 फरवरी को विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर दस सूत्री मांगों से अवगत कराया था। साथ ही इन मांगों को 15 दिनों के अंदर हल करने का अल्टिमेटम भी दिया था लेकिन विभागाध्यक्ष समेत विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद बुधवार की सुबह दर्जनों की संख्या में छात्र विभाग के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए।