सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में इलाहाबद हाईकोर्ट ने जारी वसूली नोटिस पर रोक लगा दिया है और एक माह के भीतर राज्य सरकार को काउंटर ऐफिडेविट फाइल करने का समय दिया है. कानपुर के मोहम्मद फैजान की याचिका पर जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है.
Allahabad HC Stays Notice To Recover Public Loss From Anti-CAA Protester [Read Order] https://t.co/0N4xaXu6S7
— Live Law (@LiveLawIndia) February 13, 2020
बता दें कि, बीते साल 19-20 दिसंबर को पूरे उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी के चलते सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की ख़बरें आई थी. जिसके प्रतिक्रिया में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदला लेने और संपत्ति नुकसान के बदले में वसूली का ऐलान किया था.
इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजा। यह भी कहा कि, अपनी बेगुनाही 30 दिन के भीतर साबित करना होगा. यह नोटिस कानपुर के रहने वाले मोहम्मद फैजान को भी मिली.
Allahabad HC quashes plea of dismissing recovery notice to anti-CAA protestor https://t.co/u3ArkHd5iS
— SabrangIndia (@sabrangindia) February 14, 2020
फैजान ने नोटिस को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका दायर की.सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के मामले में तय की गई गाइडलाइन के तहत लोक संपत्ति के नुकसान का आकलन करने का अधिकार हाईकोर्ट के सीटिंग या सेवानिवृत्त जज अथवा जिला जज को है. एडीएम को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है.
गुरुवार को याचिका पर जज पंकज नकवी व जज सौरभ श्याम की पीठ ने सुनवाई की और अपर जिलाधिकारी द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी. पीठ ने कहा- सुप्रीम कोर्ट पहले से ही इस तरह के आदेशों की जांच कर रही है.