नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश में पुलिसिया बर्बरता में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और राज्यभर में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं तथा सैकड़ों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था. राज्य में पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण दमन और तोड़फोड़ की घटनाओं के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज हुई है. मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. लेनिन रघुवंशी द्वारा दायर शिकायत पर आयोग ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी किया है.
NHRCमानवाधिकार आयोग में यूपी पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता करने, बेकसूर लोगों पर गोली चलाने, इन्टरनेट बंद करने जैसी शिकायतें दर्ज की गई थी. आयोग ने इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशव्यापी आन्दोलन के दौरान भाजपा शासित राज्यों में सबसे भयानक हिंसा की घटनाएँ हुई और पुलिस की बर्बरता देखने को मिली. हिंसा प्रभावित राज्यों में उत्तर प्रदेश अव्वल रहा. वहीं असम और कर्नाटक में भी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से कुछ लोगों की मौत हुई.
हाल ही में पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रेसिडेंट ने नदिया जिले में एक सभा में कहा कि जहां -जहां बीजेपी की सरकार है वहां प्रदर्शनकारियों को कुत्ते की तरह गोली मारी गई है .