राइजि़ंग कश्मीर के यशस्वी संपादक शुजात बुखारी की हत्या पर बीजेपी ने राजनीति कर दी है। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में पार्टी ने प्रेस की आज़ादी और आतंकवाद का हवाला देते हुए पीडीपी से अपना समर्थन लेकर सरकार गिरा दी है।
#WATCH BJP addresses the media in Delhi https://t.co/6QF3wL2Xdz
— ANI (@ANI) June 19, 2018
जम्मू और कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी की साझा सरकार नहीं रही। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार दिन में दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया और राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा, जिसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
Terrorism, violence and radicalisation have risen and fundamental rights of the citizens are under danger in the Valley. #ShujaatBukhari's killing is an example: Ram Madhav, BJP pic.twitter.com/0T0HLurWVu
— ANI (@ANI) June 19, 2018
एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में दोपहर में बीजेपी नेता राम माधव ने पार्टी के जम्मू और कश्मीर के नेताओं के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और राज्य सरकार से अपनी हिस्सेदारी खत्म करने की बात कही। राम माधव ने पिछले दिनों हुई शुजात बुखारी की हत्या का हवाला देते हुए कहा कि घाटी में आतंकवाद बढ़ गया है और प्रेस की आज़ादी पर खतरा पैदा हो गया है। ऐसी परिस्थितियों में में बीजेपी के लिए अब सरकार में बने रहना मुश्किल हो चला है।
पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने इस घटनाक्रम को आश्चर्यजनक बताया है। उनका कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई भनक नहीं थी कि बीजेपी ऐसा करने जा रही है।
We tried our best to run the govt with BJP. This had to happen. This is a surprise for us because we did not have any indication about their decision: Rafi Ahmad Mir, PDP Spokesperson on BJP pulling out of an alliance with PDP in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/6laodyNY97
— ANI (@ANI) June 19, 2018
खबरों के मुताबिक राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है।
इस बीच अलगाववादी नेताओं ने शुजात बुखारी की हत्या के विरोध में बुधवार को घाटी में बंद बुलाया है।
वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी का मानना है कि बीजेपी ने अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन करते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए शुजात बुखारी की हत्या का इस्तेमाल किया है। ऐसा करने में हालांकि उसकी विश्वसनीयता चली गई है।
Shujaat Bukhari’s assassination comes handy for BJP to withdraw support and play Deshbhakti, but once you lose credibility no trick works.
— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) June 19, 2018