यूपी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी को 2 दिन के अंदर लगातार 14 झटके लग चुके हैं। खबर लिखे जाने तक कैबिनेट के तीन मंत्री और 11 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। आने वाले दिनों में ये संख्या और अधिक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
मौर्य के बाद कई नेताओं के एक ही आरोप..
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद मानों बीजेपी में इस्तीफों की झड़ी लग गई। मौर्य के योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने और बीजेपी छोड़ने का ऐलान करते हुए पिछड़ों दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप के बाद कई नेताओं ने बीजेपी छोड़ते हुए यही आरोप लगाएं है।
शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान समेत अन्य विधायकों की तरह अपने पत्र में लिखा है कि भाजपा सरकार में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को तवज्जों नहीं दी गई और न उन्हें उचित सम्मान दिया गया। सरकार में किसानों, बेरोजगारों एवं छोटे कारोबारियों की उपेक्षा की गई है।
वहीं, बीजेपी विधायक विनय शाक्य ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि, “स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित पीड़ितों की आवाज हैं और वो हमारे नेता हैं और मैं उनके साथ हूं।”
नही थक रहा इस्तीफों का सिलसिला..
चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में इस्तीफे का जो सिलसिला चला है, वह अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि अभी और लोग भी इस इस्तीफे की गाड़ी पर सवार हो सकते हैं।
इन लोगो ने अब तक छोड़ी पार्टी..
- राधा कृष्ण शर्मा, विधायक
- राकेश राठौर, विधायक
- माधुरी वर्मा, विधायक
- जय चौबे, विधायक
- स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री
- भगवती सागर, विधायक,
- बृजेश प्रजापति, विधायक
- रोशन लाल वर्मा, विधायक
- विनय शाक्य, विधायक
- अवतार सिंह भड़ाना, विधायक
- दारा सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री
- मुकेश वर्मा, विधायक
- धर्म सिंह सैनी, कैबिनेट मंत्री
- बाला प्रसाद अवस्थी, विधायक