नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम की विपक्षी दल के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है. असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सेकिया और अन्य ने इस बिल के खिलाफ याचिका दी है. याचिकाकर्ताओं में देबब्रत सेकिया, अब्दुल खालेक, और रूपज्योति कुरमी का नाम शामिल हैं. ये सभी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं.
Citizenship Amendment Act PILगौरतलब है कि लोकसभा में इस बिल के पारित होने के बाद से ही असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में इसके खिलाफ आन्दोलन तेज हो गया और राज्यसभा में पास होने के बाद असम, त्रिपुरा सहित पूरे देश में आन्दोलन छिड़ गया है. पूर्वोत्तर सबसे ज्यादा प्रभावित है जिसके चलते पहले त्रिपुरा और फिर असम में इन्टरनेट सेवा बंद कर दी गई और असम में पुलिस फायरिंग में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.
CAB is a stain on our Preamble. It completely nullifies Article 14 of the Constitution, which guarantees equality before law & disallows discrimination against anyone based on religion, caste & birth: AICC General Secretary I/c Assam, Shri @harishrawatcmuk #JanVirodhiBJP pic.twitter.com/byqlm68B6L
— Congress (@INCIndia) December 13, 2019
असम में आन्दोलन इनता तेज हो गया है कि वहां यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं रद्द हो गई और धारा 144 लगे होने के बाद भी लाखों लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने राज्य में आन्दोलन रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल और सेना तैनात कर दी है.
India’s govt shut schools in Assam for a week because of protests over a new citizenship law that excludes Muslims. Yesterday, 2 protesters there were shot dead by police.
The bill, which critics say violates secular principles, has now been signed into law. pic.twitter.com/sbIADii1iq
— AJ+ (@ajplus) December 13, 2019
आन्दोलन तब भी जारी है. सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले दाग रहे हैं, लाठीचार्ज भी हुई है किन्तु इस बिल के खिलाफ आन्दोलन तब भी जारी है.
"As soon as they threw the stun grenade, they switched off their car light &…started firing," said Mehraj Khan, whose friend was one of the young men killed in Assam.
18-year-old Sam Stafford was shot dead 500 metres away from his house
I report for @CNN https://t.co/nN1PjfL7gp pic.twitter.com/jbTP50T64K— Ahmer Khan (@ahmermkhan) December 13, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर कानून बनाने का रास्ता साफ़ कर दिया है. किन्तु इस बिल के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी है.
आल इंडिया मुस्लिम लीग, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बाद अब असम की विपक्षी दल के नेताओं ने भी इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
आज शाम यह भी खबर आई कि सीएबी के खिलाफ आन्दोलन के समर्थन में असम के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया.
इस बिल के विरोध में जामिया मिलिया में आन्दोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने आज कहर धा दिया. आंसू गैस के गोले दागे और जमकर लाठीचार्ज किया . छात्रों को बेरहमी से मारा . कई छात्र घायल हुए हैं.
https://twitter.com/humeraKashmir/status/1205479251505373185