असम में शनिवार सुबह 10 बजे नेशनल सिटिज़न रजिस्टर यानी एनआरसी की आख़िरी लिस्ट जारी कर दी गई है. इस लिस्ट में 19,06,657 का नाम शामिल नहीं हैं. आख़िरी लिस्ट में कुल 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है. असम के लोग राज्य सरकार के सेवा केंद्रों पर जा कर भी लिस्ट में अपना नाम देख सकते हैं.
Prateek Hajela,State Coordinator,NRC: A total of 3,11,21,004 persons found eligible for inclusion in final NRC leaving out 19,06,657 persons including those who did not submit their claims.Those not satisfied with outcome can file appeal before Foreigners Tribunals. (file pic) https://t.co/HfgIsjZ6lr pic.twitter.com/A73ATaijTC
— ANI (@ANI) August 31, 2019
यह लिस्ट इंटरनेट और राज्य के 2500 एनआरसी सेवा केंद्रों, 157 अंचल कार्यालय और 33 जिला उपायुक्त कार्यालयों में उपलब्ध होगी.
जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं. राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था के लिए 51 कंपनियां तैनात की गई हैं.
एनआरसी की फ़ाइनल लिस्ट आने से ठीक पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से कहा है कि नाम नहीं आने की सूरत में वो न घबराएं और शांति बनाए रखें.
The Goverment has ensured adequate safeguards for people whose name may not appear in the Final NRC.
Don't believe rumours, as some elements are trying to create confusion in society.
Safety of citizens is our top priority.#OurNRCFairNRC pic.twitter.com/81ilCotSCT
— Assam Police (@assampolice) August 29, 2019
केंद्र ने कहा कि जिन लोगों के नाम फाइनल एनआरसी में नहीं हैं, उनको तब तक विदेशी घोषित नहीं किया जा सकता जब तक सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हो जाते.
Barpeta: People queue up outside a NRC Seva Kendra to check their name in the National Register of Citizens (NRC) final list. A total of 3,11,21,004 persons have been found eligible for inclusion in final list leaving out 19,06,657 people. #Assam pic.twitter.com/QtkrWWI9QB
— ANI (@ANI) August 31, 2019
केंद्र सरकार और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम के लोगों को भरोसा दिलाया है कि लिस्ट में नाम न होने पर किसी भी व्यक्ति को हिरासत में नहीं लिया जाएगा और उसे अपनी नागरिकता साबित करने का हरसंभव मौका दिया जाएगा.
My appeal to the people of Assam on the eve of publication of final #NRC pic.twitter.com/rZJJSB3cuj
— Sarbananda Sonowal (Modi Ka Parivar) (@sarbanandsonwal) August 30, 2019
सरकार ने अपील दायर करने की समय सीमा भी 60 से बढ़ाकर 120 दिन कर दी है.
असम देश का अकेला राज्य है, जहां सिटिजन रजिस्टर है. इस तरह का पहला रजिस्ट्रेशन साल 1951 में किया गया था. 2018 तक 3 साल में राज्य के 3.29 करोड़ लोगों ने नागरिकता साबित करने के लिए 6.5 करोड़ दस्तावेज सरकार को भेजे.
बीते 4 साल से जारी इस काम में 62 हजार कर्मचारी 4 साल से लगे थे. असम में एनआरसी कार्यालय 2013 में बना था, पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम 2015 से शुरू हुआ. पहली लिस्ट 2017 और दूसरी लिस्ट 2018 में प्रकाशित हुई थी.
भारतीय सेना से जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के पद से सेवानिवृत्त होने वाले मोहम्मद सनाउल्लाह का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में फिर से शामिल नहीं हुआ है. उन्हें इसी साल विदेशी न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित किया था. एक बार फिर उनका नाम एनआरसी सूची से बाहर है. उनके तीन बच्चों- दो बेटियां और एक बेटे का नाम सूची में शामिल नहीं है लेकिन उनकी पत्नी को भारतीय नागरिक माना गया है.
सूची में नाम शामिल न होने पर सनाउल्लाह ने कहा, ‘मैं सूची में अपना नाम शामिल होने की अपेक्षा नहीं कर रहा था क्योंकि मेरा मामला उच्च न्यायालय में लंबित है. मेरी न्यायालय पर पूरी आस्था है और मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे इंसाफ मिलेगा.’
Retired Army Officer Mohammad Sanaullah on his name missing from #NRCFinalList: I was not expecting my name to be in the list as my case is still pending in the High Court, I have full faith in the judiciary and I'm confident that I will get justice. #Assam pic.twitter.com/tdnxJoQbg3
— ANI (@ANI) August 31, 2019
असम के वित्त मंत्री एवं भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सर्मा ने इस लिस्ट पर सवाल उठा दिए हैं.सरमा ने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) असमिया समाज के लिए “रेड लेटर” के रूप में नहीं देखा जा सकता है.बीजेपी नेता ने संकेत दिए कि उन्हें इस बात पर थोड़ा भरोसा था कि यह लिस्ट विदेशियों से छुटकारा पाने में मदद करेगा.
Names of many Indian citizens who migrated from Bangladesh as refugees prior to 1971 have not been included in the NRC because authorities refused to accept refugee certificates. Many names got included because of manipulation of legacy data as alleged by many 1/2
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) August 31, 2019
उन्होंने कहा कि जैसा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अनुरोध किया है कम से कम सीमावर्ती क्षेत्रों में 20% और शेष जगहों पर 10% पुनः सत्यापन (reverification) के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलनी चाहिए। ताकि एनआरसी सही और निष्पक्ष हो सके.
I reiterate that as requested by Central and State governments at least 20% reverification (bordering districts) and 10% re-verification(remaining districts) should be allowed by Honble Apex court for a correct and fair NRC. 2/2
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) August 31, 2019
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- ‘भाजपा को इससे सबक सीखना चाहिए. उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी के लिए पूछना बंद कर देना चाहिए. असम में जो हुआ है, उन्हें उससे सीख लेनी चाहिए. अवैध प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है.’
Asaduddin Owaisi, AIMIM on #NRCList: BJP should learn a lesson. They should stop asking for NRC throughout the country in terms of Hindus & Muslims. They should learn from what has happened in Assam. The so-called myth of illegal migrants has been busted. pic.twitter.com/Lvf0tUvp8d
— ANI (@ANI) August 31, 2019
उन्होंने कहा मुझे मुझे डर है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से भाजपा एक बिल ला सकती है, जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकते हैं, जो फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा.’
Asaduddin Owaisi, AIMIM: I have my own doubts that the BJP through Citizen Amendment Bill can bring a bill wherein they can try to give citizenship to all non-Muslims, which will again be a violation of Right to Equality. pic.twitter.com/ihoQrl1GXC
— ANI (@ANI) August 31, 2019
इस बीच दिल्ली भाजपा प्रमुख और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में भी हालात भयावह हैं, लिहाजा यहां भी एनआरसी लागू करने की जरूरत है. अवैध रूप से दिल्ली आकर रह रहे लोगों के चलते राजधानी में स्थिति ठीक नहीं है.
BJP Delhi Chief Manoj Tiwari: National Register of Citizens (NRC) is needed in Delhi as situation is becoming dangerous. Illegal immigrants who have settled here are the most dangerous, we will implement NRC here as well. pic.twitter.com/3T2kEogFP5
— ANI (@ANI) August 31, 2019
उधर तेलंगाना भारतीय जनता पार्टी के एक मात्र विधायक टी राजा सिंह ने भी कहा है कि तेलंगाना में भी एनआरसी लागू लागू हो.
I request @HMOIndia again #NRC should be implemented in Telangana as well. #Hyderabad Parliamentarian has given shelter to many Bangladeshi & #Rohingyas for his vote bank.
It should be Implemented from September 17th #Hyderabad liberation day @AmitShah @narendramodi
— Raja Singh (Modi Ka Parivar) (@TigerRajaSingh) August 31, 2019