विश्व बैंक के बाद अब चीन की नेतृत्व वाली एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) भी आंध्र प्रदेश के अमरावती विकास विकास परियोजना से बाहर हो गया है. बैंक ने इस परियोजना से अपना हाथ पीछे खींच लिया है. एआईआईबी के एक प्रवक्ता लॉरेल ओस्टफील्ड ने मीडिया को यह जानकारी दी कि विश्व बैंक के निर्णय का अनुसरण करते हुए यह फैसला लिया गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लॉरेल ओस्टफील्ड के हवाले से कहा,“एआईआईबी अब अमरावती सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में निवेश करने पर विचार नहीं कर रहा है.”
After the @WorldBank, @AIIB_Official has pulled out from the Amaravati Capital City Project. WGonIFIs and the affected communities of the project welcomes this decision.https://t.co/YlXBnrk4y6 pic.twitter.com/YyMtQJX2Wg
— Working Group IFIs (@wgonifis) July 23, 2019
अमरावती विकास परियोजना का कुल बजट 71.5 करोड़ डॉलर था जिसमें एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक 20 करोड़ डॉलर देने पर विचार कर रहा था जबकि वर्ल्ड बैंक 30 करोड़ डॉलर देने पर विचार कर रहा था. लेकिन वर्ल्ड बैंक ने भी अभी कुछ दिन पहले इस परियोजना से अपने हाथ खींच लिया था.
स्वाभाविक है कि एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के इस निर्णय से नर्मदा बचाओ आन्दोलन, नागरिक मंच, और इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे तमाम कार्यकर्त्ता खुश होंगे. कुछ समय पहले विश्व बैंक द्वारा इस परियोजना से बाहर होने की घोषणा के बाद इन लोगों ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा था कि अब उन्हें बाकी प्रायोजकों से उम्मीद है कि वे भी विश्व बैंक का अनुसरण कर इस परियोजना से निकल जायेंगे.
वहीं, विपक्षी टीडीपी ने आरोप लगाया है कि विश्व बैंक ने वाईएसआरसीपी द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के कारण विश्व बैंक ने इस परियोजना से अपना हाथ खींच लिया है.