ये बनारस में ही हो सकता है कि किसी मुद्दे पर विरोध करने वाला भी मौज ले और जिसका विरोध किया गया वह भी माफी मांग कर मौज ले ले। शुक्रवार को इस किस्म का एक खालिस बनारसी वाक़या सामने आया। पूर्वांचल से निकले बंबइया फिल्मकार अनुराग कश्यप के एक इंटरव्यू पर बनारसी नाराज़ हो गए। उन्होंने कश्यप का पुतला फूंक दिया। कुछ देर बाद कश्यप की माफी आ गयी। माफी इस तरह मांगी गयी गोया मौज ली जा रही हो। पूरे वाक़ये में यह बात समझ नहीं आयी कि बनारस के लोगों का विरोध किस बात से था और माफी किस बात पर मांगी गयी है। इस बनारसी दांव में एक तीसरा आदमी दो बार फंस गया- मोदी सरकार का भक्त फिल्मकार अशाेक पंडित!
बनारस के कुछ लोग इस बात से नाराज़ थे कि कश्यप ने अपने एक इंटरव्यू में फिल्मकार अशाेक पंडित की तुलना “पानवाले” से कर दी थी। बनारस के लोगों को यह नागवार गुज़रा और उन्होंने लगे हाथ विरोध जता दिया। बनारसी खासकर इसलिए भी गुस्सा थे क्योंकि पूर्वांचल की हवा, पानी, मिट्टी का होते हुए भी अनुराग ने “पानवाले” शब्द का प्रयोग अपमानजनक तरीके से किया।
अनुराग कश्यप की पैदाइश गोरखपुर की है और उनका बचपन पूर्वांचल में गुज़रा है। उनके पिता सोनभद्र में भी सरकारी नौकरी में तैनात रह चुके हैं। इसी वजह से अनुराग अपनी फिल्मों में देसी संवादों और गालियों का खालिस इस्तेमाल कर पाते हैं। यह बात अलग है कि न्यूज़लॉन्ड्री को इंटरव्यू देते वक्त उनकी ज़बान बहक गयी और उन्होंने अशाेक पंडित को हिकारती लहजे में “पानवाला” कह डाला। देखें नीचे दिया वीडियोः
इंटरव्यू लेने वाले ने उनसे सवाल किया था कि क्या उन्हें दूसरी विचारधारा के कलाकारों के साथ काम करने में दिक्कत होती है। इसके लिए उनसे तीन नाम पूछे गए- अनुपम खेर, विवेक अग्निहोत्री और अशाेक पंडित। इनके जवाब में अशाेक पंडित पर आकर उन्होंने कहा- अशाेक पंडित कलाकार नहीं है, वह पानवाला है।
कश्यप के इस बयान का विरोध करने और पुतला दहन का नेतृत्व बनारस वाले मिश्राजी के नाम से प्रसिद्ध एक सामाजिक कार्यकर्ता हरीश मिश्रा ने किया। अनुराग कश्यप को चेतावनी देते हुए बनारस वाले मिश्राजी ने कहा कि बनारस की शान बनारस का पान है। बनारस की गलियां, बनारस के घाट, बनारस की साड़ी अपने आप में विश्व प्रसिद्ध है। फिल्म इंडस्ट्रीज के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्म कैरियर में कई बार बनारस के पान को सराहा और बनारस के पान के साथ अभिनय भी किया है।
बनारस के पान पर टिप्पणी करने वाले अनुराग कश्यप को बनारस वाले मिश्राजी ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगली बार बनारस में जब भी अनुराग कश्यप आएंगे तो हम सभी बनारसवासी इस अपमान का बदला जरूर लेंगे। तब तक बनारस में उनकी फिल्म जो भी रिलीज होगी उसको हम सभी लोग बहिष्कार करने का ऐलान करते हैं।
विरोध की गंभीरता को भांपते हुए अनुराग कश्यप ने कुछ देर बाद ही ट्विटर पर माफी मांग ली और काफी अगंभीर लहजे में लिखाः
अशोक पंडित आपको गाली लगता है उसके लिए क्षमा चाहता हूँ । आपकी भावनाएँ आहत नहीं करना चाहता था । माफ़ करें । pic.twitter.com/bmbEx081U9
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) February 21, 2020
दिलचस्प यह है कि अनुराग कश्यप ने जिस तरह से माफी मांगी, उससे सवाल खड़ा हो गया कि विरोध करने वालों को दिक्कत किस बात से थी? पानवाले की तुलना अशाेक पंडित के साथ करने से या फिर पानवाले को हिकारत से संबोधित किए जाने से? ध्यान दें कि कश्यप ने साफ़ साफ़ लिखा है कि “अशाेक पंडित आपको गाली लगता है उसके लिए क्षमा चाहता हूं”। इसका मतलब है कि एक बार फिर माफी मांगने के बहाने कश्यप ने अशाेक पंडित को ही रगड़ दिया।
अशाेक पंडित फंस चुके थे। उन्हें लगा कि बनारस में अनुराग का पुतला जला रहे लोग उनके समर्थन में बोल रहे हैं, जबकि मिश्राजी की बात से साफ़ लग रहा था कि वे अशाेक पंडित से पानवालों की तुलना किए जाने पर अपमानित थे। पंडित ने खीझ में दि हिंदू एक्टिविस्ट नाम के हैडिल से ट्वीट किया गया मिश्राजी का वीडियो जो अनुराग को टैग था, उसे रीट्वीट कर दिया, जिस पर लिखा थाः
प्रिय #UdtaBollywoodChief @anuragkashyap72
बनारस के पान वालों की तरफ से आपको यह भेट वो भी पीक के साथ। कृपया ग्रहण करे। जय हो मिश्रा जी! अब चरसी क्या जाने पान का स्वाद
प्रिय #UdtaBollywoodChief @anuragkashyap72,
बनारस के पान वालों की तरफ से आपको यह भेट वो भी पीक के साथ। कृपया ग्रहण करे।
जय हो मिश्रा जी!
अब चरसी क्या जाने पान का स्वाद 😂 pic.twitter.com/j6sCDFgHLe— Kashmiri Hindu (@RohitInExile) February 21, 2020
पुतला दहन में मुख्य रूप से बनारस वाले मिश्रा जी, कुंवर यादव, धर्मेंद्र मिश्रा, रंजीत सेठ, रविंद्र वर्मा, विक्की, पंकज सिंह, अमित सोनकर, आशीष केसरी के साथ सैकड़ों बनारसवासी उपस्थित इस आक्रोश में शामिल थे।