पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में “हिंदू अदालतें” गठित करने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए 17 सितंबर की अगली सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। यह याचिका कानपुर के अमित सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्वयंभू हिंदू आदलतें गठित किए जाने के मुद्दे पर दायर की है।
मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस मामले में मेरठ जिले के जिला मजिस्ट्रेट और देश की पहली स्वयंभू हिंदू अदालत की स्वयंभू ‘’जज’’ पूजा शकुन पांडे को अभियोजन पक्ष बनाया गया है। खण्डपीठ ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए 11 सितंबर को जवाब देने को कहा है।
ध्यान रहे कि बीते 15 अगस्त को अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मेरठ में देश की पहली स्वयंभू हिंदू अदालत का गठन कर दिया था और महासभा की राष्ट्रीय सचिव अलीगढ़ निवासी हिंदूवासी कार्यकर्ता पूजा शकुन पांडे को उसका स्वयंभू ‘’जज’’ नियुक्त कर दिया था। पिछले हफ्ते अपने विवादास्पद बयानों को लेकर पांडे काफी चर्चा में रही हैं।
इस संबंध में अखबारों में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए अमित सिंह ने एक जनहित याचिका इलाहाबाद हाइकोर्ट में दाखिल की थी।
खबरों के अनुसार महासभा ने हर जिले में हिंदू अदालत बनाने की योजना तैयार की है जो मनस्मृति के आधार पर फैसले सुनाएगी क्योंकि महासभा का मानना है कि राज्य और केंद्र की सरकारें हिंदुओं की विरोधी हैं।