लोकसभा में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) बिल पारित होने के खिलाफ देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने कहा है कि इस हड़ताल में देश भर के करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा डॉक्टर शामिल हैं। साथ ही, दिल्ली एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) और फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने भी इसका समर्थन किया है, लेकिन हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया है। बुधवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई हड़ताल गुरुवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। इस हड़ताल के चलते ज्यादातर अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद हैं।
Delhi: Resident doctors sit on strike in AIIMS (All India Institute Of Medical Sciences) against National Medical Commission (NMC) Bill, 2019. Resident Doctors Association is observing a one-day strike against provisions of National Medical Commission Bill,across the nation today pic.twitter.com/hzaQBGEylu
— ANI (@ANI) August 1, 2019
दरअसल देश भर के चिकित्सीय संगठनों का कहना है कि बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं जो कि चिकित्सीय वर्ग के लिए उचित नहीं है। इसी कारण से सरकार से बिल को वापस लेते हुए पुनः संशोधन के साथ उसे लाने के लिए मांग की है।
The fight shall continue against #NMCBill as IMA calls for OPD strike. pic.twitter.com/16N0VkOB0U
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) July 31, 2019
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि हमारी हड़ताल एनएमसी बिल के कुछ प्रावधानों के खिलाफ है। रेजिडेंट डॉक्टरों को सेवाओं से हटा दिया गया है। फैकल्टी और कंसलटेंट मरीजों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अगर सरकार हमें सूचीबद्ध नहीं करती है तो इसे मेडिकल बिरादरी के इतिहास में सबसे काले दिनों में गिना जाएगा।
Resident Doctor: Our strike is against some provisions of NMC Bill. Resident doctors have been withdrawn from services. Faculty&consultants are providing services. If govt doesn't listen to us then it would be counted as one of the blackest days in history of medical fraternity. pic.twitter.com/pmyY54CP5Q
— ANI (@ANI) August 1, 2019
भारत में अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से जुड़े काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की जिम्मेदारी थी, लेकिन बिल पास होने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ले लेगा।
वहीं, बिल के सेक्शन 32 के तहत, करीब 3.5 लाख गैर-मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का लाइसेंस मिलेगा। और डॉक्टर्स NEET से पहले NEXT को अनिवार्य किए जाने के भी खिलाफ हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मेडिकल सेक्टर में आने की संभावना कम हो सकती है।
Kerala: Medical students protest against National Medical Commission Bill, 2019 in front of Raj Bhavan in Trivandrum. pic.twitter.com/nPCPjWhFCe
— ANI (@ANI) August 1, 2019
पिछले दिनों कोलकाता के एक अस्पताल में डॉक्टर के साथ मारपीट की एक घटना के बाद डॉक्टरों द्वारा बुलाये गये हड़ताल पर इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने आह्वान कर देश भर के कई राज्यों को उस हड़ताल में शामिल कर लिया और केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी ममता बेनर्जी को जिम्मेदार घोषित कर उनकी आलोचना करती रही।
अब केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐसा बिल पास किया है जो डॉक्टरों के भविष्य के लिए ख़तरा सिद्ध होगा। इसी NMC बिल के विरोध में आज देश भर के डॉक्टर हड़ताल पर है। और मरीज बेहाल है। इसके लिए कौन दोषी है?
#Tngda against #NMCBILL
Hats off to #CoimbatoreMedicalCollege Doctors n Students protesting in one voice.#SaveMedicalEducation#NotoNMC pic.twitter.com/o37Rma86sR— Tamilnadu Government Doctors Association-TNGDA (@officialtngda) July 31, 2019