नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त से हुई अभूतपूर्व बंदी और असमय बर्फबारी ने सेब, केसर और नाश्पाती की 70 फीसदी फसल बरबाद कर दी है। इससे राज्य के किसानों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है, जिससे कि राज्य के किसानों को तत्काल सहायता राशि मुहैया कराई जा सके।
Back from 3 day visit to Kashmir valley, the AIKSCC delegation to share with media its findings and recommendations on the heavy damages suffered by the fruit growers in the valley.
Today (16 Nov)
Time: 1:30 pm
Venue: IWPC, 5 Windsor Place pic.twitter.com/HbA2RJpnNW— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) November 16, 2019
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दौरे के बाद 7 सदस्यों वाली अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के यह मांग की। शनिवार को दिल्ली के महिला प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में तीन दिन के दौरे से लौटे समिति के वीएम सिंह ने बताया कि उन लोगों ने कश्मीर के गांदरबल, पांपोर, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग के किसानों के साथ चौपाल की और वहां के व्यापारियों से उनकी समस्याओं को साझा किया। वीएम सिंह बताया कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की सख्ती के साथ बेमौसम बर्फबारी से किसानों को भारी घाटा लगा है।
#AIKSCC DEMANDS GOVERNMENT OF INDIA SHOULD DECLARE ‘APPLE CRISIS’ IN KASHMIR VALLEY AS “NATIONAL CALAMITY” AND COMPENSATE FARMERS FOR NATURAL AS WELL AS STATE INFLICTED CALAMITY. @_YogendraYadav | @SardarVm | @aviksahaindia | @aikscc pic.twitter.com/m5gD9RyB9c
— Swaraj Abhiyan (@swaraj_abhiyan) November 16, 2019
एआईकेएससीसी के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 13 से 15 नवंबर तक जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सेब और केसर के साथ ही अन्य बागवानी की फसलों का जायजा लिया था।
सितंबर में सेब की फसल पक जाती है, जबकि केंद्र सरकार की पाबंदी के कारण किसान सेब की समय पर तुड़ाई नहीं कर पाये। फोन और इंटरनेट सेवा बंद होने की वजह से आढ़तियों से संपर्क नहीं कर पाये, जिस कारण फसल बरबाद हो गई।
●Write off the loans of affected farmers and in the meanwhile reschedule KCC loans/extend long term interest free loan to all Apple and other Fruit growers
●AIKSCC invites farmers of J&K to join nationwide farmers movement for minimum support price and freedom from indebtedness pic.twitter.com/aZtIryWaAE— Swaraj India (@_SwarajIndia) November 16, 2019
किसानों ने समिति को बताया कि केंद्र के आग्रह पर नैफेड ने 1.36 लाख बक्से सेब किसानों से खरीदा जबकि कुल उत्पादन 11 करोड़ बक्से था। उस पर नैफेड ने उस सेब को आसपास की मंडियों में सस्ते दाम पर बेचकर सेब के भाव को और गिरा दिया। उस पर किसानों से कहा गया कि वे अपना माल हाईवे तक लेकर आएं। इससे किसानों की लागत मूल्य बढ़ गयी।
AIKSCC delegation visited Kashmir from Nov 13 to 15. Farmers in JK hit hard, says the delegation @DeccanHerald pic.twitter.com/kJbKDRr4si
— Shemin (@shemin_joy) November 16, 2019
कोल्ड स्टोरेज सुविधा की कमी के चलते केवल एक फीसदी सेब को सुरक्षित किया जा सकता है। ऐसे में किसानों की फसल पेड़ों से ही नहीं उतरी । बागवानी विभाग ने किसानों की फसल के 37 फीसदी नुकसान का आकलन किया है जो कि किसानों के मुताबिक सही नहीं है। उनकी मांग है कि सर्वे बागवानी विभाग और रेवेन्यू से कराया जाए।
समिति ने कहा उसके राष्ट्रीय सम्मेलन में 29 और 30 नवंबर को वहां के किसान दिल्ली पहुंचेंगे। वे यहां कृषि मंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं के समाधान का आग्रह करेंगे। समिति ने कहा है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों की बदहाली से उन्हें अवगत कराएगी।
किसान और केंद्र के मध्य सेतु का काम करके उन्हें न्याय दिलवाएगी। इसलिए किसानों के नुकसान को देखते हुए वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हैं। इसके अलावा किसानों को आपदा रिलीफ फंड से सहायता उपलब्ध कराई जाए और सर्वे कराया जाए जिससे किसानों के पूरे नुकसान का आकलन और भरपाई हो सके।