IIM के शिक्षकों और छात्रों के समूह ने PM को लिखा खत, कहा- देश में फैल रही नफ़रतों के खिलाफ उठाएं आवाज़!

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अहमदाबाद और बेंगलुरु में भारतीय प्रबंधन संस्थान (Indian Institute of Management (IIM)) के शिक्षकों और छात्रों के एक समूह ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयानों और फैलाई जा नफरत के खिलाफ आवाज उठाने को लेकर प्रधान मंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा है।

इस खत में कुल 183 हस्ताक्षर..

इस खत में कुल 183 हस्ताक्षर हुए। जिनमें से 13 IIM बैंगलोर के शिक्षकों द्वारा और तीन IIM अहमदाबाद के शिक्षकों द्वारा किए गए थे। बता दें कि पीएम मोदी को लिखे गए इस पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय में ई-मेल के जरिए भेजा गया है।

खत में क्या लिखा गया?

माननीय प्रधान मंत्री जी, हमारे देश में बढ़ती असहिष्णुता पर आपकी चुप्पी हम सभी के लिए निराशाजनक है जो हमारे देश के बहुसांस्कृतिक ताने-बाने को महत्व देते हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी, आपकी चुप्पी नफरत से भरी आवाजों को प्रोत्साहित करती है और हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। आगे कहा गया कि यह खत देश को विभाजित करने की कोशिश करने वाली ताकतों से दूर करने का आग्रह करता है। खत में लिखा गया हमारा संविधान हमें सम्मान के साथ अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है। बिना किसी डर के, बिना शर्म के। लेकिन अब हमारे देश में डर है। हाल के दिनों में चर्चों सहित पूजा स्थलों में तोड़फोड़ की जा रही है और हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों के खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान किया गया है। यह सब बिना किसी डर के किया जा रहा है।”

प्रधानमंत्री की चुप्पी नफरती आवाजों को देती हैं बढ़ावा..

इस खत में साफ तौर से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हरिद्वार में दिए गए भाषण और हेट स्पीच का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि प्रधानमंत्री की चुप्पी इस मामले में नफरती आवाजों को बढ़ावा देती है। इस लेटर के अंत में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया कि वे इन नफरतों के खिलाफ आवाज उठाएं। इस खत के बाद अब इन सभी मुद्दों पर देश के प्रधानमंत्री आवाज़ उठाते हैं या नही? हालांकि खत में लिखा यह मामला बेहद ही संवेदनशील है और इसे हल करने की ज़रूरत हैं


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