झारखंड के धनबाद जिले के कतरास में पिछले दिनों एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत कोरोना के संक्रमण से हो गई। इस घटना के बाद जहां पूरा झारखंड सकते में है। धनबाद के कतरास में तो स्वत: कर्फ्यू सा माहौल बना हुआ है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वहीं इस पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बताते चलें कि धनबाद जिले के कतरास स्थित रानी बाजार में एक मारवाड़ी परिवार रहता है, जो चौधरी परिवार के नाम से जाना जाता है। इस परिवार के बृज बिहारी चौधरी के बेटे की शादी पिछले 27 जून को थी। अत: इस शादी समारोह में शामिल होने बृज बिहारी की 89 वर्षीया मां 26 जून को दिल्ली से कतरास आई, जो अपने एक अन्य बेटे के साथ दिल्ली रहती थी। शादी काफी धुम-धाम से कतरास स्थित राजस्थान धर्मशाला में हुई। शादी के बाद के वृद्धा की तबीयत बिगड़ गई। जिसे बोकारो के चास स्थित नीलम नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। मगर 4 जुलाई को उसकी माैत हो गई। 6 जुलाई को उसका दाह-संस्कार किया गया, जिसमें कई लोग शामिल रहे। मगर लोगों में दहशत तब फैल गई जब 7 जुलाई को मृतिका की कोविड 19 की रिपोर्ट पोजेटिव आई। उसके बाद परिवार में एक के बाद एक हादसों का दौर शुरू हो गया।
महिला की मौत के बाद उसके परिवार के लोगों ने भी सैंपल देकर जांच करायी। करीब 65 साल का बेटा एक निजी रिसोर्ट में कोरेंटिन था। 10 दिनों से उसे सांस लेने में दिक्कत थी। 10 जुलाई की देर रात तबीयत बिगड़ने पर उसे पीएमसीएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 11 जुलाई को पीएमसीएच में शव के सैंपल की जांच की गयी। इसमें वह कोरोना संक्रमित मिला। आरटी पीसीआर जांच में भी वह कोरोना से संक्रमित पाया गया।
महिला के 67 वर्षीय दूसरे बेटे की मौत कोविड-19 अस्पताल में 11 जुलाई की देर रात हो गयी। आठ जुलाई को वह कोरोना से संक्रमित पाया गया था। इसके बाद उसे धनबाद के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गयां उसे भी सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
12 जुलाई को तीसरे बेटे की मौत रांची रिम्स में हो गयी। 72 साल के इस बुजुर्ग को नौ जुलाई को रांची रिम्स रेफर किया गया था। उसे भी सांस लेने में दिक्कत थी। वह 8 जुलाई को कोरोना संक्रमित मिला था। तीन दिनों तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गयी। रांची में ही उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया।
महिला का चौथा बेटा 70 वर्ष भी कोरोना से संक्रमित मिला। कोविड-19 अस्पताल में उसे 8 जुलाई को भर्ती किया गया था। इसी दिन जांच में यह संक्रमित पाया गया। तबीयत बिगड़ने के बाद उसे 13 जुलाई को रांची रिम्स रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत 16 जुलाई हो गयी। उसे भी सांस लेने में दिक्कत थी। वह सेल्स टैक्स अधिवक्ता थे।
लंग कैंसर से जूझ रहे महिला के पांचवें बेटे 60 वर्ष की मौत टीएमएच जमशेदपुर में 19 जुलाई को हो गयी। लंग कैंसर होने के कारण उसकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गयी थी। कुछ दिनों पहले उसे पीएमसीएच के सीसीयू में रखा गया था। यहां से परिजन 14 जुलाई को निजी अस्पताल ले गये थे। वहां से फिर जमशेदपुर ले जाया गया था।
यह परिवार 50-60 दशक से इस कोयलांचल में रह रहा है। इस परिवार के मुखिया महावीर चौधरी ने इस क्षेत्र में एक साधारण सी दुकान से अपना व्यापार शुरू किया था। आगे चलकर यह छोटा व्यापार इतना बड़ा रूप ले लिया कि कोयलांचल के बड़े व्यापारियों में इनकी गिनती होने लगी। ट्रांस्पोर्टिंग से लेकर कोयले के व्यापार में भी इनका दबदबा बढ़ता गया। मगर पिछले दो-तीन दशक से क्षेत्र की राजनीत में हुए बदलाव से इनके व्यापार पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा और इनका व्यापार सिमटता चला गया।
महावीर चौधरी के गुजरने के बाद इनके 6 बेटों ने अपने अपने तरीके से अपने आर्थिक आधार को नया रूप देते चले गए। अब इनके पांच बेटे कोरोना के भेंट चढ़ गए, केवल एक बेटा जो दिल्ली में है शादी में नहीं आ सका था, सुरक्षित है। इस घटना के बाद क्षेत्र में काफी दहशत है। कतरास में तो स्वत: कर्फ्यू सा माहौल बना हुआ है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
विशद कुमार, झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार हैं और लगातार जन-सरोकार के मुद्दों पर मुखरता से ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे हैं।