एक बार फिर गौ-रक्षकों की गुंडागर्दी का एक मामला सामने आया है, मध्य प्रदेश के खंडवा में स्वयंभू गोरक्षक ग्रामीणों ने 24 लोगों की रस्सी से बांध कर सड़क पर परेड करवाए और उनसे गौमाता की जय के नारे लगवाये. उन्हें थप्पड़ भी मारे गये और और रस्सियों से बांधकर थाने तक पहुंचाया गया. इन लोगों पर आरोप है कि वे वाहन में तस्करी के लिए गायें ले जा रहे थे.
#WATCH Several people tied with a rope and made to chant "Gau mata ki jai" in Khandwa, Madhya Pradesh on accusation of carrying cattle in their vehicles. (7.7.19) (Note – Abusive language) pic.twitter.com/5pbRZ4hNsR
— ANI (@ANI) July 7, 2019
इस मामले में पुलिस ने कथित गोतस्करों और स्वयंभू गोरक्षकों दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. खंडवा जिले के पुलिस अधीक्षक के अनुसार उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो बिना अनुमति गायों को ले जा रहे थे. वहीं, उन ग्रामीणों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिन्होंने गोवंश ले जाने वालों को पकड़ने के बाद पुलिस को जानकारी नहीं दी और उनके साथ गलत बर्ताव किया. खालवा पुलिस थाना प्रभारी हरिशंकर रावत ने कहा, ‘गोवंश परिवहन में पकड़े गए सभी 25 आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम एवं गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और विस्तृत जांच जारी है.’
ये मामला मध्यप्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र से एक दिन पहले आया है जब सरकार गौवध प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन संबंधी विधेयक पेश करने जा रही है. गौरतलब है कि बीते जून में ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में गाय के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए कानून बनाने की घोषणा की थी.
एक बार फिर गौ-रक्षकों की गुंडागर्दी, खंडवा में 24 लोगों की सड़क पर करवाई परेड लगवाये गौमाता की जय के नारे. @ndtvindia #SagaOfGagaMedia pic.twitter.com/VcD1BwpJmk
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 7, 2019
मध्यप्रदेश में अभी जो कानून है उसके तहत गौवंश की हत्या, गौमांस रखने और उसके परिवहन पर पूरी तरह रोक है. अब इसमें संशोधन किया जा रहा है.
खालवा पुलिस थाना प्रभारी हरिशंकर रावत ने कहा कि , ‘21 गोवंश जब्त किए गए हैं. इन्हें पास के गांव खार की गौशाला में भेज दिया गया है.’ उनके अनुसार, करीब 100 ग्रामीणों ने तस्करों को खंडवा जिले के सांवलीखेड़ा गांव में उस वक्त पकड़ा, जब ये आठ ट्रकों में गोवंश ले जा रहे थे. सभी आरोपी हरदा जिले से खालवा होते हुए जंगल के रास्ते महाराष्ट्र जा रहे थे.
जबकि पकडे गये लोगों का कहना है कि वे उन पशुओं के मालिक हैं और महाराष्ट्र के पशु मेला के लिए उन्हें ले जा रहे थे .