आगामी लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन मुकम्मल हो चुका है। शनिवार को दिन में बारह बजे के बाद लखनऊ के ताज होटल में बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ऐतिहासिक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दोनों दलों के सौहार्दपूर्ण गठबंधन का एलान किया।
गठबंधन का समीकरण कुछ यूं होगा कि दोनों दलों के प्रत्याशी 38-38 सीटों पर लड़ेंगे। बची हुई चार सीटों में से अमेठी व रायरेली की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी जाएंगी और बाकी दो सीटें अन्य गठबंधन सहयोगियों को दी जाएंगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह गठबंधन केवल चुनावी गठबंधन नहीं है बल्कि भाजपा से लड़ने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का अहंकार समाप्त करने के लिए सपा और बसपा का साथ आना बहुत जरूरी था। उन्होंने सपा के काडरों से साफ तौर पर कहा कि वे गांठ बांध लें कि मायावती का अपमान खुद उनका अपमान है।
मायावती ने इससे पहले बोलते हुए भाजपा के बारे में कहा कि उसने शिवपाल यादव पर बहुत पैसा खर्च किया लेकिन सब बेकार चला गया।
सूचना के मुताबिक रालोद को तीन सीटें मिलना तय हो चुका है और दो अन्य सीटों पर बात चल रही है। इसके अलावा राजभर और निषाद पार्टी को भी एक-एक सीटें मिलने की बात सामने आ रही है।
इस गठबंधन से फिलहाल कांग्रेस को अलग रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस खुद नहीं चाहती थी कि वह इस गठबंधन के साथ लड़े। एक सवाल के जवाब में मायावती ने बताया कि यह गठबंधन स्थायी है और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी यह कायम रहेगा।