टोक्यो ओलंपिक के महिला हॉकी क्वार्टर फाइनल में तीन गोल दाग कर हैट्रिक जमाने वाली वंदना कटारिया के हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित घर पर सेमीफाइनल में मिली हार के बाद शर्मनाक प्रदर्शन हुआ। कुछ लोगों ने वंदना के घर के बाहर पटाखे फोड़े और जातिसूचक टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने कहा कि टीम में कई दलित खिलाड़ी हैं इसलिए भारत को हार मिली।
ग़ौरतलब है कि दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाली वंदना ने ओलंपिक के महिला हॉकी मुक़ाबले में हैट्रिक जमा कर इतिहास रच दिया था। वे ऐसा करने वाली पहली हॉकी महिला खिलाड़ी हैं। 37 साल बाद किसी भारतीय खिलाड़ी ने ऐसा चमत्कार किया था। उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से भारत हराकर सेमीफ़ाइनल में पहुँचा था। लेकिन शायद आसपास के कुछ लोगों को एक दलित बेटी की ये उड़ान पसंद नहीं आयी।
सेमीफाइनल के दिन भी वंदना का परिवार जीत की उम्मीद से भरा हुआ था लेकिन शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारतीय महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना से हार गयी। इसी के थोड़ी देर बाद घर के बार पटाखे फूटने की आवाज़ आने लगी। वंदना के भाई शेखर ने बताया—‘सेमीफाइनल में टीम की हार से हम सभी दुखी थे। लेकिन इस बात का गर्व था कि संघर्ष करते हुए हार मिली। मैच के कुछ देर बाद घर के बाहर पटाखों का शोर सुनाई दिया। बाहर जाकर देखा तो ऊंची जाति के 2 युवक नाच रहे थे।’
पटाखे की आवाज़ सुनकर परिवार के लोग घर से बाहर आये तो नाच रहे युवकों ने उन पर जातिगत छींटा-कशी शुरू कर दी। वे कहने लगे कि टीम में कई दलित खिलाडियों के होने की वजह से भारत को हार मिली। उन्होंने यह भी कहा कि केवल हॉकी नहीं बल्कि सभी खेलों से दलितों को दूर ही रखा जाना चाहिए। इसके बाद सभी शर्ट उतारकर नाचने लगे
वंदना के परिवार की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है।
नीचे देखिये, वंदना कटारिया का वो शानदार मूव जिसने भारत को सेमीफाइनल में पहुँचाया..
-dana!
2️⃣/2️⃣ successful penalty corner attempts by #IND‘s Vandana Katariya in their clash against #RSA today! She became the first Indian woman to score a hat-trick at the Olympics.#Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | #Hockey pic.twitter.com/VxSUwJOA7s
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) July 31, 2021