भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के ख़िलाफ़ ह्यूस्टन में प्रदर्शन



वाशिंगटन, डीसी (24 जून, 2022)- भारत में ईसाईयो, मुसलमानों और दलितों के हालिया मानवाधिकार उल्लंघन और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की एक सदस्य द्वारा पैग़म्बर मोहम्मद (सल्ल.अलै) के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में ह्यूस्टन में सैकड़ों भारतीय अमेरिकियों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मुस्लिम संगठनों के एक गठबंधन की ओर से आयोजित किया गया था।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों की स्थिति भयावह हो गई है। पुलिस और न्यायपालिका अपने ही मुस्लिम नागरिकों के ख़िलाफ़ भारत सरकार की क्रूर कार्रवाई में शामिल हैं। अकेले जून के महीने में, भारत में मुसलमानों को मारा गया, मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया और उनके घरों को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया गया।

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ह्यूस्टन चैप्टर के अध्यक्ष शाकिब मसूद ने कहा, “भारत तेजी से एक फ़ासिस्ट राज्य में बदल रहा है जहाँ अल्पसंख्यकों को अपमान का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें लगातार परेशान किया जाता है। हम पूरे समुदाय से इस साझा विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील करते हैं ताकि आपकी आवाज सुनी जा सके।”

संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अप्रैल 2022 में जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सुनियोजित रूप से जारी धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के लिए लगातार तीसरे साल भारत को अपने विशेष चिंता वाले देशों (CPC) की सूची में डाला है।

अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के लिए बिगड़ती परिस्थितियों ने मिनेसोटा की राज्य प्रतिनिधि इल्हान उमर सहित निर्वाचित प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया है।

21 जून को,  उमर ने हाउस रिजोल्यूशन 1196 पेश किया जो मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के लिए भारत की निंदा करता है। कांग्रेस सदस्य जिम मैकगोवर्न (MA), रशीदा तालिब (MI), और जुआन वर्गास (CA) द्वारा सह-प्रायोजित यह प्रस्ताव विदेश विभाग से USCIRF की सिफारिशों पर कार्रवाई करने और अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत भारत को विशेष चिंता वाला देश (सीपीसी) घोषित करने का आग्रह भी करता है।

काउंसिल ऑफ अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस (CAIR)- ह्यूस्टन के संचालन निदेशक विलियम व्हाइट ने कहा, “इन राज्यों और पूरे भारत में सरकार द्वारा प्रदर्शित सत्तावादी इस्लामोफोबिया दुनिया भर में समान है: विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के प्रतिशोध के रूप में निर्दोष नागरिकों को सामूहिक सज़ा।” उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने कांग्रेस सदस्यों से हाउस रिज़ोल्यूशन 1196 पास करने का आग्रह करें।

ह्यूस्टन के प्रदर्शन में शामिल लोगों ने “हम आफ़रीन फ़ातिमा के साथ खड़े हैं,” और “भारतीय मुस्लिमों का नरसंहार बंद करो” सहित भारतीय मुसलमानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने वाले नारे लगाए।

इस्लामिक सोसाइटी ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन (ISGH) के अध्यक्ष अयमान कबीर ने लोगों से भारत में मुसलमानों और ईसाईयों के खिलाफ बर्बर हिंसा के बारे में आवाज़ उठाने की अपील की।

उन्होंने कहा, “हम इंसाफ़ के पक्ष में खड़े हैं। हम मानवाधिकारों के पक्ष में खड़े हैं। भारतीय मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी घृणित कार्रवाइयों को रोकने की जरूरत है। सभी क्षेत्र के लोगों को भारतीय मुसलमानों की दुर्दशा की निंदा करनी चाहिए और इसे उजागर करने का काम करना चाहिए।”

इस मुद्दे पर कैलिफोर्निया और डलास में पहले ही विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। इसी तरह सिएटल और इंडियानापोलिस जैसे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन होंगे।

यह विरोध प्रदर्शन इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC), इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (ICNA), इस्लामिक सोसाइटी ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन (ISGH), काउंसिल ऑफ अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस (CAIR), मुस्लिम अमेरिकन सोसाइटी (MAS), और मुस्लिम उम्माह ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (MUNA) द्वारा आयोजित किया गया था।

 

 


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