इमरान जेल गए, मोदी अमेरिका जाएँगे, पहलवानों के बयान दर्ज होना शुरू

संजय कुमार सिंह संजय कुमार सिंह
मीडिया Published On :


अडानी के पक्ष में मॉरीशस से आई खबर आज नहीं छपी 

 

मैं टीवी नहीं देखता। पुरानी बात है। बुधवार, 10 मई 2023 को कर्नाटक में मतदान था और एक यूट्यूब चैनल पर एक्जिट पोल पर चर्चा में शामिल होना था तो मैंने टीवी ऑन कर लिया। म्यूट पर था। एनडीटीवी बहुत पहले का लगा था, वही चल रहा था। चर्चा के दौरान खबर आई जो मोटा-मोटी इस प्रकार थी, मॉरीशस के वित्त मंत्री ने कहा, हिंडनबर्ग के आरोप झूठे, हमारे यहां अदाणी ग्रुप की कोई शेल कंपनी नहीं। मॉरीशस के वित्त सेवा मंत्री महेन कुमार सीरुत्तन ने संसद में कहा, “मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि मॉरीशस में शेल कंपनियों की मौजूदगी के आरोप झूठे और निराधार हैं. मॉरीशस में शेल कंपनियों की अनुमति नहीं है।” हमलोग कर्नाटक में भाजपा की बुरी हार की चर्चा कर रहे थे और मेरा मानना है कि अगर भाजपा वाकई हार गई तो अब उसकी फिसलन शुरू होगी और संभालने के लिए मोदी जी क्या करते हैं, प्रतिक्रिया क्या होगी उसे देखना दिलचस्प होगा। इस लिहाज से मेरे और भी अच्छे दिन आने वाले हैं। 

ऐसे में कल इस खबर का आना, संयोग हो या प्रयोग रेखांकित करने लायक था। मेरे लिए एक काम। मैंने फेस बुक पर पोस्ट करने के लिए कुछ विवरण इकट्ठा किया और दो पैरे की पोस्ट का दूसरा हिस्सा यह था, यह खबर दैनिक जागरण ने दो घंटे पहले दी है। इंटरनेट पर पता चला, 07 फरवरी की खबर है, मॉरीशस के वित्त मंत्री हफ्तेभर के दौरे पर भारत आए थे। दो दिन पहले इकनोमिक टाइम्स की खबर थी, मॉरीशस भारतीय फर्मों से अधिक निवेश चाहता है। पोर्ट लुइस से पीटीआई की खबर थी, (कंप्यूटर का अनुवाद) खुद को ‘अफ्रीका के लिए कर-मुक्त प्रवेश द्वार’ के रूप में स्थापित करते हुए, मॉरीशस भारतीय कंपनियों को अपनी मिट्टी के माध्यम से विभिन्न अफ्रीकी देशों में अपने निवेश को रूट करने के लिए कई अन्य लाभों का भी वादा कर रहा है।आज सुबह मैं उम्मीद कर रहा था कि यह किसी अखबार में पहले पन्ने पर दिख जाएगी। पर कहीं नहीं दिखी। 

कल मैंने लिखा था कि इतिहास बदलने वाली सरकार के एलजी का इतिहास सार्वजनिक हो गया। उसमें बताया था कि वह खबर सिर्फ टाइम्स ऑफ इंडिया में पहले पन्ने पर छपी थी। बाद में कुछ दिन पुरानी एक खबर मालूम हुई, “टाइम्स ऑफ इंडिया के मालिक समीर जैन, पत्नी और बेटी पर सेबी ने जुर्माना लगाया है। उन्हें स्टॉक एक्सचेंज से प्रतिबंधित किया गया है।” ऐसे में अडानी के नए खरीदे (या कब्जाए) चैनल पर अडानी की खबर का महत्व था और मुझे लगा कि यह व्यवस्था चल रही होगी और इसलिए इस मामले में सन्नाटा था। आज यह खबर मेरे किसी अखबार में पहले पन्ने पर नहीं है, द टेलीग्राफ ने इसे अपने बिजनेस पन्ने पर छापा है और इसके साथ बताया है कि अडानी से संबंधित रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। संभव है, यह खबर अडानी मामले में सरकारी व्यवस्था हो या नहीं भी हो। पर अखबारों में नहीं है तो उसका मतलब मैं समझना चाहता हूं। 

खबरों के लिहाज से आज का दिन महत्वपूर्ण है और अडानी के बचाव में मॉरीशस की खबर कहां छपी कहां नहीं, देखने के चक्कर में आज मैंने अखबारों के कई पन्नें पलट लिये। पता चला कि आज कई मामलों पर फैसला आना है। इन खबरों से लगता है लगातार चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे प्रधानमंत्री ने अपने (केंद्र सरकार के) अधिकार जानने, समझने, बढ़ाने और उनके उपयोग-दुरुपयोग के साथ इस बारे में जानने समझने में भी काफी समय और संसाधन खराब किए हैं। चुनाव प्रचार में कितने पैसे फूंक दिए इसपर भी आज एक खबर है (द प्रिंट)। दूसरी ओर, कर्नाटक में सोनिया गांधी के चुनावी भाषण में कथित रूप से प्रयोग किए गए एक शब्द पर अपना ज्ञान सार्वजनिक करने के साथ उसका ऐसा जबरदस्त विरोध किया कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस का पंजीकरण तक खत्म करने की मांग कर दी। हो सकता है वे (और उनकी पार्टी) मानते हों कि कांग्रेस का पंजीकरण रद्द हो जाए तो भारत में भाजपा का विरोध ही नहीं रहेगा। 

यह अलग बात है कि अडानी पर राहुल गांधी के सवाल से बचने के लिए उनकी सदस्यता खत्म होने के बावजूद सवाल बचा हुआ है। मारीशस का बचाव आज प्रचारित नहीं हुआ है। आज जिन मामलों में फैसला आना है उनमें महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट या शिवसेना बनाम शिवसेना का मामला है। दूसरा महत्वपूर्ण मामला दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों के टकराव से संबंधित है। एक महत्वपूर्ण मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी है। यह 1987 के मलियाना नरसंहार से संबंधित है। इसमें सभी 39 अभियुक्त बरी किये जा चुके हैं तथा हाईकोर्ट ने निचली अदालत के रिकार्ड मंगाए हैं। खबर यह भी है कि पहलवानों के मामले में सख्ती के बाद धारा 164 में बयान दर्ज होना शुरू है और दिल्ली पुलिस को अदालत में स्टेटस रिपोर्ट देना है (इंडियन एक्सप्रेस)। बलात्कार का आरोपी हो या फर्जी डिग्रीधारी – अपने सांसदों का बचाव करने वाले प्रधानमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस का गरीबी हटाओ नारा आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है (नवोदय टाइम्स)।   

अदालत से इतर खबरों की बात करें तो आज के अखबारों में अगर इमरान खान को आठ दिन के लिए जेल भेजे जाने की खबर है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिका से निमंत्रण की खबर है। इसके साथ द टेलीग्राफ ने पहले पन्ने पर यू-ट्यूबर साक्षी जोशी की विशेष आपबीती प्रकाशित की है जिसमें उसने कहा है, “मुझे यकीन है कि इस रफ्तार से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र जल्दी ही प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180वें स्थान पर होगा और मुख्यधारा का मीडिया आपको सफलतापूर्वक यकीन दिला देगा कि यह रेटिंग भारत पर अंतरराष्ट्रीय हमला है।” यह पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस की धक्का मुक्की और कवर करने गई साक्षी के साथ पुलिस की पहलवानी के संदर्भ में है। तीन मई यानी प्रेस फ्रीडम डे की इस वारदात को आज 11 मई के अखबार में प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे के साथ प्रकाशित करने का उद्देश्य है। द टेलीग्राफ ने प्रधानमंत्री को निमंत्रण से संबंधित खबर के शीर्षक में बताया है कि उनके सरकारी दौरे पर मानावधिकार से संबंधित सवाल हैं और अमेरिका ने उन्हें बुलाया है तो उसके इसका बचाव भी करना ही था। खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से पीएमओ को राजकीय यात्रा के लिए निमंत्रण मिला है। पीएम मोदी इस दौरे में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। 

 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और प्रसिद्ध अनुवादक हैं।