
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने जनता दल सेक्युलर के नेता प्रदीप गौड़ा द्वारा कन्नड़ अख़बार विश्ववाणी के मालिक और संपादक विश्वेश्वर भट्ट के खिलाफ़ पुलिस में केस दर्ज़ कराये जाने की घटना को प्रेस और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया है.
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/uVFfAXGqHw
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) May 29, 2019
जेडी (एस) द्वारा पुलिस में दर्ज़ एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अख़बार में पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी(एस) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के परिवार राके भीतर राजनीतिक उथल-पुथल की रिपोर्ट छपी थी। इससे उनकी बदनामी हुई है और उनके सम्मान को क्षति पहुंचायी है .
गिल्ड ने आज जारी एक बयान में जेडी (एस) द्वारा इस मामले में आपराधिक मानहानि कानून के दुरूपयोग की कड़ी निंदा करते हुए कर्नाटक सरकार से केस को तुरंत वापस लेने की मांग की है.
Editors Guild of India strongly condemns the FIR field by Karnataka police against me. @IndEditorsGuild @hd_kumaraswamy @MBPatil pic.twitter.com/Tukzc6UKbb
— Vishweshwar Bhat (@VishweshwarBhat) May 29, 2019
विश्वेश्वर भट्ट ने अपने अख़बार विश्ववाणी में शुक्रवार 24 मई को एक खबर छापी थी जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी ने चुनाव हारने के बाद मैसूर में नशे की हालत में काफी हंगामा किया और अपने दादा देवेगौड़ा के ख़िलाफ़ अपशब्दों का इस्तेमाल किया.
रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद किस तरह देवगौड़ा परिवार में अंतर्कलह का नज़ारा दिखा. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक मंड्या से चुनाव हारने के बाद निखिल कुमारस्वामी मैसूर के एक होटल में गए. वहां उन्होंने काफी शराब पी, हुड़दंग मचाया और होटल वालों के साथ बदसलूकी की. इसके बाद उन्होंने अपने दादा देवगौड़ा को फ़ोन किया और उनसे भी काफी ऊंची आवाज में बात की.
अख़बार के मुताबिक देवेगौड़ा ने निखिल के लिए उस तरह प्रचार नहीं किया जिस तरह हासन में प्रज्ज्वल के लिए किया. रिपोर्ट के मुताबिक निखिल का आरोप यह था कि हासन में जेडीएस और कांग्रेस कार्यकर्ता साथ-साथ काम कर सकते हैं तो मंड्या में क्यों नहीं.
जेडीएस का कहना है कि यह ख़बर गलत है. दूसरी ओर अख़बार का दावा है कि उसने अपने रिपोर्टर, होटल में मौजूद लोगों और अपने भरोसेमंद सूत्रों के आधार पर रिपोर्ट छापी है.
जनता दल सेक्युलर की लीगल सेल ने इस खबर पर अखबार के सम्पादक के खिलाफ तक़रीबन आधा दर्जन धाराओं में मामला दर्ज कराया है. इनमें कुछ गैर जमानती धाराएं भी शामिल हैं.