तेज़ धूप के बावजूद हाथ में तिरंगा लहराता और अपने एक साथी पर चिल्लाता दुबला-पतला एक नौजवान आरा के रमना मैदान में बने मुख्य मंच के बायें ओर से आगे बढ़ रहा था. यहां कुछ ही देर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आने वाले थे. भाजपा की रैली में तिरंगा लेकर आने का कारण पूछने पर उस नौजवान ने कहा कि यह तिरंगा देश हित में लाया है. जब यह पूछा गया कि जो लोग तिरंगा नहीं लाये वे देश के हितैषी नहीं है क्या? सुनते ही वह नौजवान भाग निकला. वह एकवारी गांव का रहने वाला सूरज था. उसने शुरुआत में अपना यही परिचय दिया था.
दिन ढलने लगा था. चार बज गये थे. चारपहिया वाहन से गांव-देहात और दूरदराज़ से आये लोग अपने ठिकानों को लौटने लगे थे. दूर मंच से अमित शाह के आने की सूचना प्रसारित्त की जा रहा थी. शाम के चार बज के चालीस मिनट पर मंच के नज़दीक जैसे ही हेलीकॉप्टर लैंड हुआ, धूल उड़ने लगी. लोग इधर-उधर भागते हुए गमछा-रुमाल से मुंह और सर ढंकने लगे. उधर मंच का संचालन कर रहे संदेश के पूर्व भाजपा विधायक संजय सिंह टाइगर अमित शाह के सम्मान में घोषणा करने लगे- अब आ गये भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह और जैसे इनका हेलीकॉप्टर धूल उड़ा रहा है, वैसे ही विपक्षियों की धूल उड़ जाएगी.
सफ़ेद बुलेट पर बैठा एक युवक अपने माथे से हेलीकॉप्टर से उड़ती धूल अपने सिर से झाड़ते हुए बोला- एकरे … की अमित शाह. इसके बाद मंच पर भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष के साथ सफ़ेद कुरता पैजामा पहने अमित शाह मैदान में मौजूद करीब आठ हज़ार दर्शकों का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार करते हुए मंच पर पहुंचे. उनका स्वागत स्थानीय भाजपा नेताओं ने फूल की बहुत बड़ी माला से किया. राष्ट्रीय अध्यक्ष के बोलने से पहले प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय मंच के बीचोबीच बने पोडियम पर आए और अटक-अटक कर भारत माता की जय का नारा लगाने लगे. उसके बाद वंदे मातरम का नारा लगवाया. उन्होंने कहा- हम नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने आये हैं. हम अपना सारा समय अध्यक्ष जी को देंगे ताकि वे ही भाषण दे सकें.
उसके बाद उन्होंने वंदे मातरम का तीन बार नारा लगवाया और अपनी सीट पर पहुंचे. मंच संचालक बदल चुके थे. बदले हुए मंच संचालक ने बड़े जोर से चीखकर कहा- अब मैं उनको बुलाने जा रहा हूं जिनकी प्रतीक्षा आप सब कब से कर रहे हैं. इस तरह अमित शाह का भाषण शुरू हुआ।
दोपहर दो बजे से इस रैली को देखने आए बीजेपी के पुराने नेता जमुआव निवासी अधिवक्ता परशुराम चौधरी की भाजपा के बारे में प्रतिक्रिया थी कि पार्टी अब बदल चुकी है. सफ़ेद कुरता धोती पहने और हाथ में पानी का बोतल लिए परशुराम चौधरी कह रहे थे कि उन्हें आज के भाजपा नेताओं को देखते ही गुस्सा आ जाता है. वे उन्हें पसंद नहीं करते. परशुराम चौधरी 1980 में संदेश विधानसभा से चुनाव लड़े थे. उन्होंने बताया कि उसी साल बेलाउर में उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी का एक कार्यक्रम कराया था. साथ में खड़े बेलाउर निवासी सुनील चौधरी उनकी हां में हां मिला रहे थे.
भगवा रंग का कुरता पहने और गमछी लिए आरा के गोला मोहल्ला निवासी धीरेंद्र कुमार सवाल करते हैं कि श्रीभगवान सिंह कुशवाहा और सीपी ठाकुर कब से भाजपा नेता हो गए. श्रीभगवान सिंह कुशवाहा 2014 के लोकसभा चुनाव में आरके सिंह के खिलाफ राजद के टिकट पर लड़े थे. उन्हें लगभग ढाई लाख वोट आये थे. धीरेंद्र के मुताबिक भाजपा का सिद्धांत, विचार, प्रयोग, सब कुछ बदल गया है. भाजपा अब पूंजी-पोषक और गरीब-शोषक पार्टी बन गयी है.
बहरहाल, लगभग पांच बजे अमित शाह सभा को संबोधित करने के लिए पोडियम पर पहुंचे. तीन बार उन्होंने कहा- माइक वाला कहां है, आवाज़ ठीक करो. उसके बाद उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगवाया. लोगों के तरफ़ से जय की आवाज़ बहुत कमजोर आयी, जिसके बाद शाह ने भाजपा समर्थकों की तरफ दाहिने हाथ की उंगली दिखाते हुए पूछा- क्या यही आरा की आवाज़ है? जरा जोर से भारत माता के जय के नारे लगाइये.
इसके बाद भाजपा समर्थकों ने तीन बार जोर से नारा लगाया. मंच पर मौजूद लगभग दो दर्ज़न स्थानीय नेताओं का नाम पढ़ने के बाद उन्होंने कहा- सामने खड़े मेरे ज़िगर के टुकड़ों युवा मितरो’- यह सुनते ही सामने हलचल होने और मोदी-मोदी का नारा लगने लगा. अमित शाह के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई। फिर वे अगले दस मिनट तक प्रधानमंत्री मोदी के बारे में ही बोलते रहे, मसलन- वे अकेले रहते हैं, 24 घंटे में से 18 घंटे काम करते हैं, आदि। फिर शाह ने मोदी-मोदी कर रहे भाजपा समर्थकों के बीच एक आश्चर्यजनक बात सवाल की शक्ल में उछाल दिया- इसी बीच मोदीजी कहीं देश-विदेश घूमने-फिरने चले जाते हैं तो इसमें क्या हो गया! इसके बाद मोदी-मोदी और जोरदार ढंग से होने लगा.
लगभग सवा पांच बजे आरा से भाजपा उम्मीदवर आरके सिंह के कामों को गिनाते हुए फोर लेन, आरा-मोहनियां सड़क से लेकर उज्ज्वला योजना समेत लगभग दर्जन भर काम उन्होंने आरा सांसद के खाते में डाल दिए. इसके उलट आरा के मठिया चौक पर लगे बड़े से फ्लेक्स बैनर पर आरके सिंह के मात्र तीन काम गिनाए गए हैं. अपने तीस मिनट के संबोधन में अमित शाह ने नोटबंदी, रोजगार, जीएसटी, रॉफेल, हिन्दू आतंकवाद जैसे मुद्दों पर कुछ नहीं कहा.
इस रैली में शामिल होने आए युवकों का एक समूह आपस में बातचीत कर रहा था, जिसमें सभी ने I AM Chaukidar लिखी टोपी पहन रखी थी. पूछने पर समूह से एक युवक ने बताया कि वे कोईलवर से आये है. जब पूछा गया कि वे किसकी चौकीदारी करते हैं और चौकीदारी से जीवनयापन के लिए कितना पैसा मिलता है, तो सवाल सुनते ही युवकों की टीम कन्नी काट लेती है. इसके बाद युवकों का एक अन्य समूह आता है और हमें सीपीआई (एमएल) का आदमी बताकर मैदान से बाहर जाने को कहने लगता है.
सुबह दस बजे आरा के कतीरा में भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप ऐसे ही युवकों की मोटरसाइकिलें कतार में पेट्रोल भरवाते देखी गई थीं। शाह की सभा से पहले ये लड़के पूरे शहर में ‘मोदी अगेन’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ लिखी टीशर्ट पहनकर जुलूस निकालने के बाद सभा में आए थे।
आशुतोष कुमार पांडे आरा स्थित स्वतंत्र पत्रकार और टिप्पणीकार हैं