अगर आप इस शीर्षक को पढ़कर सबसे पहले, गूगल मैप्स खोलकर – शीर्षक का सत्यापन करना चाहते हैं, तो दरअसल वो भी सही फैसला ही होगा। लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि दरअसल कल देर रात के बाद से, हम इसी ख़बर का लगातार सत्यापन करने की कोशिश में हैं और हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि ये शीर्षक सही ही साबित होना है। कल दिन भर, जिस गलवान घाटी को गूगल मैप्स के ज़रिए, देश भर का मीडिया और सोशल मीडिया के दीवाने दिखाते, स्क्रीनशॉट्स लेते, शेयर करते और देखते रहे – वो गलवान घाटी भले ही हक़ीकत में गंभीर तनाव का कारण बनी हुई है – लेकिन वो गूगल मैप्स से मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह के बीच एंड्रायड फोन्स से गायब हो गई है।
ये सच है – फिलहाल तो..
दरअसल ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, जिस समय ये ख़बर लिखी जा रही है – उससे 6 घंटे पहले से ही ये जगह अब गूगल मैप्स पर नहीं दिख रही है। रात दो बजे, हमारे विशेष लाइव के दौरान, हम अपनी स्पेशल स्टोरी (जिसको हम प्रकाशित करने वाले हैं) को लाइव करने के दौरान – हम सोशल मीडिया स्ट्रीमिंग के लिए लगातार, ये लोकेशन गूगल मैप्स पर ढूंढते रहे – लेकिन हमको ये नहीं मिली।
ये तर्क दिया जा सकता है कि ये लोकेशन शायद मैप्स पर पहले से ही न हो। लेकिन ये सच नहीं है, ठीक 45 मिनट पहले हम ने अपनी वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान इसी लोकेशन को मैप पर समझा था। चीन से हिंसक भिड़ंत में 20 भारतीय जवानों की दुखद शहादत पर, हम स्टोरी कर रहे थे और ये नक़्शा हमारे लिए ज़रूरी था, इस जगह की रणनीतिक स्थिति आपको समझाने के लिए। लेकिन अफ़सोस, पूरे लाइव के दौरान हम ये लोकेशन गूगल मैप्स पर नहीं ढूंढ सके।
(हमारा वो शो, जिसके लिए हम ये नक्शा ढूंढ रहे थे)
एक और कहानी सही..
ज़ाहिर है कि लाइव स्ट्रीमिंग ख़त्म होते ही, हमने इसको फिर से सर्च करना चालू किया। पर्सनल कम्प्यूटर पर नाकाम रहने के बाद, हमने मोबाइल पर गूगल मैप्स के एप्लीकेशन में ये ही सर्च दोहराने का फैसला किया। हम हैरान थे कि गूगल मैप्स के एप्लीकेशन पर ‘Galwan Valley’ सर्च करने पर सबसे पहले Can’t Connect (जोड़ने में अक्षम) का नोटिफिकेशन स्क्रीन पर आकर गायब हो गया।
हमने दोबारा सर्च करने की कोशिश की और इस बार गलवान वैली सर्च करने पर गूगल मैप्स ने सबसे नज़दीक और सबसे मिलते-जुलते नाम वाली लोकेशन दिखा दी। ये लोकेशन है – गैलोवेन नदी, जो कि वही नदी है, जो इस घाटी को बनाती है। हम शायद इस नक़्शे को पूरे दिन देख कर, इसकी भौगोलिक स्थिति से वाक़िफ़ न होते, तो तुरंत हमारा इस पर ध्यान न जाता। लेकिन हम इस जगह की टोपोग्राफी यानी कि मानचित्रण को पहचानते थे। और नीचे हमारी नज़र गई, जहां गलवान वैली नहीं बल्कि गैलोवेन रिवर लिखा हुआ था।
पर क्या गूगल मैप्स पर पहले ये लोकेशन थी
बिल्कुल, गूगल मैप्स पर ये लोकेशन पहले थी। हमने ही अपनी एक स्टोरी में गूगल मैप्स पर इस लोकेशन का, गलवान वैली की श्रीनगर और लेह से दूरी और स्थिति दिखाने के लिए इस्तेमाल किया था। संयोग से हमारे पास, इस मैप का स्क्रीनशॉट बचा हुआ था।
लेकिन ये नक़्शा मंगलवार दोपहर का था, इसलिए हमने ट्विटर पर जांचा और पाया कि देर रात तक, लोग गूगल मैप्स पर इस लोकेशन के स्क्रीनशॉट्स साझा कर रहे थे। ख़ासकर गूगल मैप्स पर इसे ‘बच्चों के लिए अच्छी लोकेशन’ (Good location for Kids) दिखाने को लेकर, इसका मज़ाक बनाने के लिए।
Google Maps says Galwan Valley is good for kids…maybe not. pic.twitter.com/uYwD3MWOCQ
— Phil Bradham (@PBradz) June 16, 2020
यही नहीं, हम जानते थे कि हमने ख़ुद रात 1.15 के बाद तक, इस लोकेशन को गूगल मैप्स पर देखा है। इसका मतलब ये था कि अगर ये लोकेशन गूगल मैप्स से हटी, तो रात डेढ़ बजे से 2 बजे के बीच में। लेकिन आख़िर ये हुआ कैसे…इस सवाल से पहले, हमारे लिए एक और बात की जांच करना ज़रूरी था।
क्या कोई इसे नहीं देख पा रहा है?
इसके साथ ही ये साफ था कि हम इस लोकेशन को मैप पर नहीं देख पा रहे हैं। सुबह के 4 बज गए थे और हम अभी तक इसी पसोपेश में थे कि आख़िर ये कैसे हुआ है। इसके बाद हमने अपनी टीम के कुछ वरिष्ठ साथियों को जगाया और उनसे भी उनके मोबाइल पर ये लोकेशन सर्च करने को कहा। उनमें से कोई भी गूगल मैप्स पर टाइप कर के, ये लोकेशन ढूंढने में नाक़ाम रहा। कुछ निजी दोस्तों से भी यही कवायद करवाई गई और ये करते हुए, सुबह हो गई। हमने जिन भी लोगों से गूगल मैप्स पर ये लोकेशन ढूंढने को कहा, या तो उनको Can’t Connect का संदेश दिखाई दिया या फिर गैलोवेन रिवर…
लेकिन आईफोन, यानी कि IOS ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने वालों का अनुभव अलग रहा। गूगल मैप्स पर एंड्रायड यूज़र्स (जो कि सबसे बड़ी यूज़र आबादी है), वो इसको नहीं देख पा रही है, जबकि आईओएस उपभोक्ता इसे अभी भी देख पा रहे हैं।
तो क्या मैप्स पर ये लोकेशन ही नहीं है?
नहीं, ऐसा भी नहीं है…गूगल मैप्स पर ये लोकेशन अभी भी है। हमने अपनी याद्दाश्त और पिछले मैप्स के ज़रिए, अंदाज़ा लगाते हुए गूगल मैप्स पर ये लोकेशन ढूंढनी शुरु की। आख़िरकार हम उस यू शेप में मुड़ती नदी वाली छोटी सी घाटी को खोज लिया और हम कन्फर्म थे कि ये ही गलवान वैली है। हमने इसके नेवीगेशन को-ऑर्डिनेट्स (लौंगीट्यूड और लैटीट्यूड) यानी कि अक्षांश और देशांतर नोट किए और अपने साथियों को फिर से ये जानकारी भेज कर, इसे गूगल मैप्स में सर्च करने को कहा। हम बिल्कुल सही थे, इसके ज़रिए गलवान वैली को, गूगल मैप्स पर ढूंढा जा सकता था।
हमने क्यों कोऑर्डिनेट्स नहीं छिपाए?
क्योंकि हमारे पास अभी तक किसी तरह का सार्वजनिक या निजी सरकारी या क़ानूनी आदेश नहीं है कि ये नक्शा या लोकेशन न दिखाया जाए। हमको तो ये भी नहीं पता है कि आख़िर कैसे ये लोकेशन, गूगल मैप्स से गायब हो गई या दूसरे शब्दों में कहें तो किसने इस लोकेशन को गूगल मैप्स से हटा दिया? हम जानना चाहते हैं कि आख़िर ये किसने किया तो जब तक इस लोकेशन को ढूंढना क़ानूनी तौर पर प्रतिबंधित नहीं हो जाता, तब तक हम इसको छिपाना या ब्लर करना नहीं चाहते। जो मैप मंगलवार को दिन भर टीवी चैनल्स पर 3डी प्रारूप में चला है, उसे हम किसलिए छिपाएं?
लेकिन असल सवाल बाकी है..
ये हमारे लिए, एक स्टोरी को करते हुए, मिल गई एक और स्टोरी थी। लेकिन मुश्किल सवाल इस स्टोरी में भी है। सवाल ये है कि आख़िर गूगल मैप्स से आधे घंटे के अंदर ये लोकेशन गायब कैसे हो गई? क्यों ये सर्च करने पर अब Can’t connect लिख कर आता है या गैलोवेन नदी दिखाई देती है? इस लोकेशन को गूगल मैप्स से किसने हटा दिया है? हमने जानने की कोशिश की, कि क्या कोई भी – कोई लोकेशन गूगल मैप्स से डिलीट कर सकता है? तो साहेबान ये भी संभव नहीं है…तो किसने ये लोकेशन हटा दी? हमने गूगल को इस बाबत ईमेल भेज दी है, हमको जवाब का इंतज़ार है। और कोई जवाब न मिलने पर, हम ख़ुद अपना-अपना अंदाज़ा सकते हैं कि ये किसने किया होगा…वैसे भी तो हम बिना चिंता के, सुविधानुसार सच बना लेने और मानने वाला देश बन ही चुके हैं!
मयंक सक्सेना, मीडिया विजिल संपादकीय टीम का हिस्सा हैं। टीवी पत्रकारिता के एक दशक के बाद अब मुंबई में फिल्म लेखन करते हैं।
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