कई सालों तक पीएमओ की फोन टैपिंग मामले ने कारपोरेट मीडिया की साख पर पूरी तरह बट्टा लगा दिया है। हद यह है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल की शिकायत को इंडिया डॉयलाग…
मेरा मकान बिकाऊ नहीं है, मीडिया झूठ फैलाने से बाज़ आए : काँधला का जैन परिवार ऊपर तस्वीर कारोबारी गौरव जैन की है। बीजेपी एमपी हुकुम सिंह की सूची में अपना नाम…
कुछ दिनों से दिल्ली के राजनीतिक हलकों में दम साध कर एक पर्दाफाश का इंतज़ार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल का दावा है कि एक टेलीकॉम कंपनी ने…
इन दिनों फ्रांस में मज़दूरों का अभूतपूर्व आंदोलन चल रहा है। लाखों लोग सड़क पर है और सरकार से लोहा ले रहे हैं। समाज और राजनीतिक उथल-पुथल पर बारीक़ नज़र रखने वालों की…
क्या आपने इंडिया टुडे (अंग्रेज़ी) का 9 मई का अंक देखा है। इसमें सोहराबुद्दीन और इशरत जहाँ फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में फँसे पूर्व आईपीएस डी.जी.वंजारा पर एक स्टोरी है। तमाम किंतु-परंतु के बीच यह…
ऊपर की फ़ेसबुक पोस्ट को ग़ौर से देखिये। दया सागर नाम के सज्जन हिमाचल प्रदेश में एक बड़े अख़बार के संपादक हैं। इनकी प्रोफाइल बता रही है कि…
राणा अयूब माया कोडनानी से एक दोपहर लंच के बाद शाम को मेरी बात हुई थी। उन्होंने अपने हाथ से सादा खाना बनाया था। इसमें कोई शक नहीं था कि मुस्लिम समुदाय को…
खोजी पत्रकार राणा अयूब के इस दावे ने तहलका के उनके पूर्व संपादकों को बेचैन कर दिया है कि उनकी खोजी रिपोर्ट ‘राजनीतिक दबाव’ में रोकी गई थी। तहलका की प्रबंध संपादक…
राणा अयूब Gujarat Files-1 Gujarat Files-2 गुजरात दंगे के दौरान अहम लोगों में एक अशोक नारायण थे जो उस वक्त गृह सचिव थे। उनसे मेरी मुलाकात दिसंबर 2010 में हुई। वे एक आध्यात्मिक शख्स…
तहलका की पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने अपनी संवाददाता रहीं राणा अयूब के इस आरोप को गलत ठहराया है कि तहलका ने किसी ‘राजनीतिक दबाव’ में आकर 2010-11 में गुजरात में…
Gujarat Files-1 राणा अयूब राजन प्रियदर्शी गुजरात एटीएस के महानिदेशक 2007 में थे जब फर्जी मुठभेड़ में हुई हत्याओं की जांच गुजरात सीआइडी ने शुरू की थी। इतना ही नहीं, 2002 के दंगे…
राणा अयूब गिरीश सिंघल के बड़े बेटे हार्दिक ने 2012 में खुदकुशी कर ली थी। उनके करीबी बताते हैं कि सिंघल इस घटना के बाद टूट गए थे। मेरी सिंघल से मुलाकात 2010…
(यह आलेख जनपथ से साभार है। मीडियाविजिल राणा अयूब की पुस्तक और उनके इस साहस को सलाम करता है। चूंकि पुस्तक आम तौर से दुकानों पर उपलब्ध नहीं है और ऑनलाइन वेबसाइटों से…
मशहूर पत्रकार राजदीप सरदेसाई क्या राजनीतिक पारी शुरू करने का मन बना चुके हैं ? आम आदमी पार्टी के गोवा में चुनाव लड़ने के ऐलान से इस अटकल को बल मिला है। पार्टी की…
रिफ़त जावेद तेज़तर्रार पत्रकार हैं। बीबीसे से लेकर आजतक के अहम पदों पर काम करने के बाद उन्होंने “जनता का रिपोर्टर” नाम की एक ख़बरी वेबसाइट शुरू की है। हाल ही में इस…
2 जी स्पेक्ट्रम मामले में दाग़-बेदाग़ होते रहे उपेन्द्र राय अब मचाएंगे “तहलका”…. बहुत कम समय में ही मीडिया और सत्ता के गलियारे में अपनी पहुंच बनानेवाले उपेन्द्र राय सहारा समूह की डुबती…
तीन साल पहले अंग्रेज़ी की पत्रिका आउटलुक ने 29 जुलाई, 2013 के अपने अंक में आवरण पर एक फर्जीवाड़ा किया था। उसने केरल के वायनाड़ में कुपोषण से हुई दो बच्चों की मौत…
पिछला लोक सभा चुनाव हुए अभी दो साल हुए हैं. अगला अगला लोक सभा चुनाव तीन साल बाद 2019 में होना है. लेकिन मीडिया के कारखाने के कई ‘राजनीतिक जानकार’ अभी से अटकल…
कभी जनसत्ता जैसे हिंदी अखबार में पत्रकार रहे राजीव शुक्ला की हैसियत आज इतनी बड़ी हो गई है कि उनकी मीडिया कंपनियों में सैंकड़ों करोड़ के निवेश की जाँच सरकार को करनी पड़ रही…
25 अप्रैल को लगभग सभी अख़बारों में एक ऐतिहासिक तस्वीर छपी। दिल्ली में 24 अप्रैल को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी.एस.ठाकुर, प्रधानमंत्री नरेंद्र…
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ यानी मीडिया के साथ एक समस्या यह है कि चारों स्तंभों के बीच यही इकलौता है जो मुनाफा खोजता है। भारत का समाज बहुत विविध, जटिल और विशिष्ट है…
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. वह सिर्फ बाजार में बिकने वाला माल नहीं, लोगों की राय को प्रभावित करने वाला माध्यम है. अखबारों और चैनलों के मालिक इसे भूलते…
हाँलाकि यह कोई अनोखी बात नहीं है कि पीएम मोदी के समर्थक मनुस्मृति के विरोध से असहज हो जाएँ, लेकिन इसे लेकर ग़लतबयानी करना कम से कम किसी पत्रकार को शोभा नहीं देता,…
मेनका गाँधी ने रायटर्स के जिन दो पत्रकारों की PIB मान्यता ख़त्म करने की सिफारिश की थी, क्या उन्हें वास्तव में इनकी लिखी 19 अक्टूबर वाली खबर पर ऐतराज़ था या यह केवल…
मीडिया द्वारा मचाया गया झूठमूठ का शोर देश के लिए और नागरिक के लिए भी कितना घातक हो सकता है , इसे हमने पिछले कुछ हफ्तों में अच्छी तरह देखा है .लेकिन मीडिया…