कोरोना में पहले तो केवल, पीड़ितों के प्रति असंवेदनशील रवैये की ख़बरें हम तक आ रही थी। लेकिन अब कर्नाटक के बेल्लारी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको देखकर सिर शर्म से झुक जाना चाहिए। बेल्लारी में 8 कोरोना पीड़ित मृतकों के शवों को दफ़नाने की प्रक्रिया का एक वीडियो सामने आने के बाद चारों ओर हंगामा हो गया।
भारत ही नहीं, दुनिया के किसी भी समाज में मृतक शरीरों या पार्थिव देह के प्रति सम्मान बरतने की परंपरा कोई नई बात नहीं है। भले ही वो अपराधी ही क्यों न हो, हमारा संविधान भी उसके शव का पूरे विधान और सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का आदेश देता है। अपनी पार्थिव देह का सम्मान, हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। लेकिन इस वीडियो को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आकर, जान गंवाने वालों के प्रति प्रशासन का रवैया क्या है।
इस वीडियों में बेल्लारी में कोविड संक्रमण से जान गंवाने वाले 8 लोगों के शवों को दफ़नाया जा रहा है। लेकिन इसको दफ़नाने की जगह – मिट्टी में गाड़ देना कहें तो ज़्यादा अच्छा है। वीडियो में एक सरकारी वाहन से, कर्मचारी शवों को एक-एक कर के बाहर लाते हैं और पीपीई किट्स में लैस ये लोग – शवों को किसी कूड़े-कचरे की तरह खोदे गए गड्ढे में एक-एक कर के फेंकते जाते हैं।
सामने आने के बाद, ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तब तक ये करते रहे प्रशासन की आंख – वीडियो पर हंगामा मचने के बाद खुली। बेल्लारी के ज़िला अधिकारी ने इस वीडियो का संज्ञान लेते हूुए, न केवल आदेश जारी किए – बल्कि माफ़ी भी मांगी।
फिलहाल इस वीडियो में दिख रहे, कर्मचारियों की टीम को अगले आदेश तक काम करने से रोक कर, उनकी जगह दूसरी टीम लगाई गई है।