अगले हफ्ते से 15 से 18 साल के बच्चों को लगेगी वैक्सीन, 1 जनवरी से रजिस्ट्रेशन, वैक्सीन पर डॉक्टरों की अलग-अलग है राय!

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25 दिसंबर को पीएम मोदी ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन शुरू करने की घोषणा की थी। जिसके बाद इसे लेकर बहुत से सवाल उठ रहे हैं, जिसमे से एक है कि आखिर बच्चों को कौन सी वैक्सीन दी जाएगी?

बच्चों को दी जायेंगी यह वैक्सीन..

बता दें कि कहा जा रहा था कि बच्चों को कोवैक्सीन (Covaccine) और Zydus Cadila का टीका लगाया जाएगा, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ही दी जाएगी। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी है। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हो रहे बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण (registration) प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरू होगी। पात्र बच्चे 1 जनवरी से एप पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। CoWIN के चीफ डॉ राम सेवक शर्मा ने न्यूज एजेंसी ANI को यह जानकारी देते हुए कहा कि हमने पंजीकरण के लिए छात्र आईडी कार्ड का विकल्प शुरू किया है, क्योंकि कुछ के पास आधार नहीं हो सकता है।

डॉ संजय राय ने केंद्र के इस निर्णय को बताया अवैज्ञानिक..

जहां केंद्र ने बच्चों को वैक्सीन लगवाने का फैसला किया है। वहीं, भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ महामारी विज्ञानी और एंटी-कोरोनावायरस वैक्सीन कोवैक्सीन के वयस्कों और बच्चों के परीक्षण के प्रमुख निरीक्षणकर्ता डॉ संजय राय ने ट्वीट करके केंद्र के इस निर्णय अवैज्ञानिक बताया है। बता दें कि डॉ. संजय राय इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को कोरोना वैक्सीन से कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले को लागू करने से पहले केंद्र सरकार को उन देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए था, जिन्होंने अपने देश में बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है।

उन्होंने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि वैक्सीन का मकसद कोरोना संक्रमण या इसकी गंभीरता या मौतों को रोकना है। उन्होंने कहा, हमारे पास टीकों के बारे में जो जानकारी है, उसके मुताबिक वे संक्रमण को ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं। कुछ देशों में बूस्टर शॉट मिलने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि बच्चों में संक्रमण की गंभीरता बहुत कम है और आंकड़ों के अनुसार प्रति 10 लाख संक्रमण मामलों में बच्चों में केवल दो मौतें हो रही हैं।

 एनके अरोड़ा नेे कहा, कोवैक्सीन बच्चों में अच्छी इम्यूनिटी बनाती है…

भारत में इस मामले में डॉक्टरों की राय बंटी नजर आ रही है। कुछ डॉक्टर और विशेषज्ञ पीएम के इस फैसले को सही ठहरा रहे हैं। एनटीएजीआई के कोविड टास्क फोर्स वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन एनके अरोड़ा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि ट्रायल में देखा गया है कि कोवैक्सीन बच्चों में अच्छी इम्यूनिटी पैदा करता है।

डॉ सुनीला गर्ग ने कहा, सभी बच्चों को टीका नहीं देना चाहिए..

वहीं, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन या आईएपीएसएम की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीला गर्ग ने पहले स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी बच्चों को टीका नहीं दिया जाना चाहिए। गर्ग ने कहा था कि कोरोना की वैक्सीन उन्हीं बच्चों को दी जानी चाहिए जो गंभीर रूप से बीमार हैं।


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