कोरोना महामारी और इसके नए स्वरूपों से सुरक्षा के लिए डॉक्टर और वैज्ञानिक सभी टीका लगवाने पर ज़ोर दे रहे हैं। इस समय लोग टीकाकरण को लेकर जागरूक भी है लेकिन कुछ समय पहले वैक्सीन को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि कोविशील्ड की नकली खेप भारत में पाई गई है। अब इसे लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सभी डीएम और सीएमओ को नकली कोविशील्ड टीकों की पहचान करने के लिए अलर्ट जारी किया है।
उपयोग से पहले सावधानी पूर्वक प्रमाणित करने के निर्देश..
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के देशों में कोविशील्ड वैक्सीन निर्माता कम्पनी की ओर से परीक्षण के बाद वैक्सीन के नकली होने और ऐसे किसी भी टीके की आपूर्ति न किए जाने की पुष्टि की गई है। अब इसे लेकर यूपी में अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के सभी डीएम और सीएमओ को नकली टीके के प्रयोग से बचाव के लिए सप्लाई चेन की निगरानी बढ़ाए जाने और टीके के उपयोग से पहले गुणवत्ता की स्थिति को सावधानीपूर्वक प्रमाणित करने की सलाह दी गई है।
निर्देश दिया गया है की विशेष रूप से प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन केंद्रों द्वारा आयोजित सत्रों (held sessions) की मॉनिटरिंग की जाए और नकली वैक्सीन पाए जाने जैसी किसी गतिविधि की सूचना मिलने पर सक्षम स्तर पर त्वरित कार्रवाई (quick auction) सुनिश्चित की जाए। कोविड टीकाकरण सत्र के दौरान जहां कहीं भी नकली टीकों से संबंधित गतिविधियां पाई जाती हैं, वहां तत्काल जांच कर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
यूपी में सब से ज़्यादा कोविशील्ड के ही टीके लगें..
बता दें की उत्तर प्रदेश में अब तक 7 करोड़ से अधिक लोगों को टीके लगाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा तक़रीबन 6.4 करोड़ टीके सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड के हैं। यानी यूपी में अब तक जितने भी टीके लगे हैं उसमें से 88% कोविशील्ड के हैं और 12% ही कोवैक्सीन के टिके लगे हैं। 7 करोड़ से अधिक लोगों में से 1.16 करोड़ लोगो ने दोनो डीज लगवा ली है। बाकी को अभी एक ही डीज लगी है। वहीं मंगलवार 31 को यूपी के जौनपुर जिले में टीका लगाने के आधे घंटे बाद एक 65 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई। हालांकि अभी मौत की वजह पता नही लग पाई है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में ही मौत होने के कारण वैक्सीन लगवाने आए लोग लाइन छोड़कर भाग गए थे।