मुंह में राम बगल में नीतीश कुमार बिहार में कानून-व्यवस्था लचर तो थी ही, आने वाले दिनों में यह दिशाहीन भी होने जा रही है| चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में नीतीश कुमार…
मैं आज क्यों लिख रहा हूं, अर्णब की गिरफ्तारी के तुरंत बाद क्यों नहीं लिखा? आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला संगीन है लेकिन सिर्फ नाम भर आ जाना काफी नहीं होता है।…
आज की दुनिया में सामाजिक न्याय और परिवर्तन की सक्रियता साथ-साथ चलनी चाहिए। हम इक्कीसवीं सदी में हैं। डिजिटल जमाने में। जाति के पुराने ढाँचे को लेकर हम अब नहीं चल सकते। अंततः…
1952 के अगस्त में उनके समाजवादी साथियों ने जब दक्षिणपंथी कांग्रेसी जे.बी कृपलानी की पार्टी किसान मजदूर प्रजा पार्टी से इस शर्त के साथ विलय स्वीकार लिया कि प्रस्तावित प्रजा सोशलिस्ट पार्टी वर्ग-संघर्ष…
हालाँकि, पोस्ट-मार्टम के बाद, संभावित शांति भंग की आशंका में, लड़की के शव को परिजनों को सौंपने में देरी होने से कटुता रही लेकिन पुलिस को श्रेय देना होगा कि उन्होंने तेजी से…
28 अक्टूबर के अपने बिहार के चुनावी- भाषण में राजद नेता तेजस्वी पर तंज़ कसते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जब उन्हें ‘जंगल का युवराज’ कहा तब मुझे अटपटा लगा। यह सही है कि…
भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के नाम डॉ.लक्ष्मण यादव का खुला पत्र जय भीम..लाल सलाम..कॉमरेड, कॉमरेड! सबसे पहले तो भाकपा माले को बिहार चुनाव में जीत के लिए शुभकामनाएं। संघी, जातिवादी, संविधान विरोधी…
जाति-बिरादरी से अधिक आर्थिक मुद्दों की चर्चा बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिदृश्य अब धीरे-धीरे स्पष्ट होने लगे हैं। कुछ लोग अपने-अपने स्तर से भविष्यवाणियां भी करने लगे हैं। सभी पक्षों की…
‘भारत पिछले सात-आठ महीनों से अपने अस्सी करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन दे रहा है और यह इस कारण संभव हो पा रहा है कि किसानों की कड़ी मेहनत से अनाजों के गोदाम…
मैं रविशंकर से इतनी अपेक्षा तो कर ही सकता हूँ कि अपने आका नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के मामले पर जानकारी इकट्ठे करें। इस से फुर्सत मिलने पर उन्हें भारतरत्न कुमारसामी कामराज की…
लेकिन उसके पास एक अन्य विकल्प भी है। यह कि जम्मू कश्मीर में हानि-लाभ की चिन्ता छोड़ अपने रवैये पर कायम रहे और नेशनल काफ्रेंस, पीडीपी व कांग्रेस जैसे प्रतिद्वंद्वियों को उसके खिलाफ…
एक वर्ष पूर्व (अक्टूबर 10, 2019) आरएसस के मुखिया मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में रहने वाले मुसलमान हिन्दुओं के कारण दुनिया में सर्वाधिक सुखी हैं. अब वे एक कदम आगे…
नीतीश जी पिछले पंद्रह वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। बीच के आठ महीने बेशक उन्होंने कुर्सी जीतनराम मांझी के लिए छोड़ी थी, लेकिन रिमोट-कण्ट्रोल की बागडोर नहीं छोड़ी थी। मांझी थोड़े बिदके…
और यही राजनीति है। क्योंकि, प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने वाली सरकार और सूत्रों की खबर छापने वाले मीडिया के बीच, कोरोना के संकट में शनिवार को जारी हुई इस खबर का शीर्षक टेलीग्राफ…
कुछ लोग खुश हो सकते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में दक्षिण दिल्ली के शाहीनबाग में तीन माह से ज्यादा चले धरने-प्रदर्शनों को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए…
ये सिस्टम ही फ़्राड है। और इस फ़्राड के सभी लाभार्थी रहे हैं। रेटिंग का फ़्राड सिर्फ़ एक तरीक़े से नहीं किया जाता है। यह काम सिर्फ़ अकेले चैनल नहीं करता है बल्कि…
बात किन्हीं एक या दो ‘तात्कालिक’, ‘संवेदनशील’ या ‘आग लगाऊ’ मुद्दों की ही नहीं है। अपने देश में हो या दुनिया में, गैरबराबरी व शोषण पर आधारित समाज व्यवस्थाओं में दलित-पीड़ित व वंचित…
साधारण कथाओं का यह असाधारण दौर है। बिहार उन्हीं साधारण कथाओं के फ्रेम में फंसा एक जहाज़ है। बिहार की राजनीति में जाति के कई टापू हैं। बिहार की राजनीति में गठबंधनों के…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गत रविवार को विपक्ष पर हाथरस में एक दलित युवती से हुई बर्बरता की आड़ में जाति युद्ध भड़काने की तोहमत लगाने के 24 घंटे के…
भारतीय सामाजिक संस्थान, बेंगलुरु, ने कुछ गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर प्रवासी कामगारों का विस्तृत अध्ययन किया है- लॉकडाउन से पहले उनकी स्थिति, लॉकडाउन के दौरान उन पर हुए आघात, उनकी वर्तमान…
सरकारों के मुंह पर पुलिस का खून तो लगा ही हुआ था अब अदालतों का खून भी लग गया है। कहते हैं ब्रिटिश राज ने दुनिया भर में फैले अपने औपनिवेशिक साम्राज्य को…
(वर्तमान का दौर अतार्किक बातों का ऐसा दौर है जिसे राजनैतिक वैधता प्राप्त है। मूर्खता पर अभिमान करने का इससे बेहतर वक्त शायद ही मिले। यह दौर स्वयं के नागरिक होने के अधिकार…
पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने वामपंथ के विरोधाभास पर मेरा एक इंटरव्यू लिया था और उनके सवाल के जवाब में मैंने कहा था कि मैं भारतवर्ष में वामपंथी आंदोलन को राज्य…
भारत बंद करने जा रहे किसान भाइयों और बहनों को रवीश कुमार का पत्र किसान भाइयों और बहनों, सुना है आप सभी ने 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। विरोध…
समाज में यह आशंका आये दिन साक्षात दिख जायेगी कि पुलिस द्वारा कानून का तिरस्कार कहीं नागरिकों द्वारा पुलिस के तिरस्कार में न बदल जाए। लोकतांत्रिक आन्दोलन से एक विभाजक शासन का आमना-सामना…