मशहूर इतिहासकार शाहिद अमीन अपनी किताब “इवेंट, मेटाफ़ोर और मेमोरी” की शुरुआत में लिखते हैं कि जो लोग लिख नहीं सकते (यानी कि जो लोग दस्तावेज़ लिखने से ज़्यादा अपने कामों में लगे…





























