छत्तीसगढ़ लोक स्वातंत्र्य संगठन (पीयूसीएल-छत्तीसगढ़) ने 2016 के लिए निर्भीक पत्रकारिता सम्मान कुछ पत्रकारों को देने की योजना बनाई है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ में काम कर रहे या छत्तीसगढ़ पर लिखने वाले उन पत्रकारों को दिया जाएगा जिन्होंने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों, दलितों, किसानों, हाशिये के लोगों और वंचितों के मानवाधिकारों और उनके मुद्दों पर बिना भय के तथ्यात्मक रिपोर्टिंग की हो।
बिलासपुर में 8 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति में पीयूसीएल ने ने बताया है कि सम्मान समारोह 26 जून, 2016 को दिन में 11 बजे रायपुर में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में पत्रकारों और मानवाधिकार रक्षकों की सुरक्षा के लिए एक कानून का मसविदा भी पारित किया जाएगा और इसे मुक्त परिचर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
आपातकाल की 41वीं बरसी पर ‘प्रेस, जनता और राज्य’ विषय पर 25 जून को आयोजित एक नागरिक सम्मेलन की श्रृंखला में आखिरी सत्र में निर्भीक पत्रकारिता के पुरस्कार दिए जाएंगे। सम्मेलन का बीज वक्तव्य समकालीन तीसरी दुनिया के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार आनंद स्वरूप वर्मा देंगे और परिचर्चा में पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन, सेवंती नैनन, अधिवक्ता कनक तिवारी, अनिल चौधरी, ललित सुरजन व वृंदा ग्रोवर शामिल होंगे। पत्रकारों की सुरक्षा के कानून पर अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, शालिनी गेरा और किशोर नारायण प्रस्तुति देंगे।
निर्भीक पत्रकारों के नाम सुझाने की अंतिम तारीख 20 जून रखी गई है। इन नामों को bhagatsingh788@gmail.com पर भेजा जा सकता है। नाम के साथ उनके नामाकंन के कारणों पर एक नोट, उनके किए काम की प्रति और उनका परिचय भी भेजना होगा। चालीस साल की उम्र से कम के पत्रकारों को तरजीह दी जाएगी। सारे नामांंकनों के बाद एक चयन समिति अंतिम नामों पर विचार करेगी। इस समिति के सदस्य हैं छत्तीसगढ़ हाइ कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश श्री धीरेंद्र मिश्र, पत्रकार आनंद स्वरूप वर्मा और पूर्व सांसद अरविंद नेताम।
कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए पत्रकार कमल शुक्ला और पीयूसीएल की सुधा भारद्वाज से संपर्क किया जा सकता है।