बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं केवल भारत में ही नही बल्कि कई बड़े देशों से भी सामने आती हैं। इतना ही नहीं बच्चों का शोषण कर अपराधी आराम से जीवन व्यतीत करते है। फ्रांस के रोमन कैथोलिक चर्च में यौन शोषण के मामलों की जांच कर रहे एक स्वतंत्र आयोग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है की पिछले 70 सालों में यहां करीब 3,000 लोग काम कर चुके है जिन्होंने बच्चों का यौन शोषण किया है। इनमें से दो-तिहाई प्रीस्ट (पुजारी) थे, जो चर्चों में छह स्तर के धार्मिक नेताओं में पांचवें स्थान पर हैं।
62 नए मामलों में जांच होगी, इसमें 40 मामले काफी पुराने हैं….
आयोग के अध्यक्ष जॉन मार्क सॉव ने दिए साक्षात्कार में एक फ्रांसीसी अखबार को बताया, जांच ढाई साल से चल रही है, उन्होंने यौन शोषण के पीड़ितों की वास्तविक संख्या निर्दिष्ट नहीं की, लेकिन कहा कि कुल 11,500 प्रीस्ट और चर्च के अन्य कर्मचारियों में से शोषकों की संख्या 3,000 तक हो सकती है। इन लोगों को यहां 1950 के बाद पोस्ट किया गया था। सॉव के मुताबिक, अभियोजन को 22 मामले भेजे जा चुके हैं, जिन पर अभी कार्रवाई की जानी है। वहीं, 40 मामले ऐसे भी हैं, जो काफी पुराने हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है, क्योंकि इनमें शामिल संदिग्ध अभी जिंदा हैं. इन्हें भी कार्रवाई के लिए चर्च भेजा गया है।
चर्च नकार देता था पीड़ितों का अस्तित्व..
साक्षात्कार में आयोग के अध्यक्ष जॉन मार्क सॉव ने बताया, चर्च ने 1950 से 70 के वर्षों में पीड़ितों के अस्तित्व को नकार देता था। बच्चों को जिस दर्द से गुज़रना पड़ा, उसकी कल्पना की जा सकती है। बाद के वर्षों में जैसे-जैसे दबाव बढ़ा, उसने अपनी नीति बदल दी। सॉव ने कहा, आयोग का उद्देश्य इन मामलों की गहन जांच कर रिपोर्ट देना है। तभी उनके कारणों, दोषियों और परिणामों की पहचान की जाएगी।