कोरोना वायरस से आई महामारी जिसने पिछले 2 सालों से लोगों की जिंदगी बदल दी है, और आज भी इसका प्रकोप बना हुआ है। इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया में अबतक करीब 45 लाख लोग जान गंवा चुके हैं। इस महामारी का जन्म चीन में हुआ और वहां से यह पूरी दुनिया में फैली इस बारे में सबको पता है, लेकिन यह बीमारी जानवरों से इंसानों में आई या चीन के के लैब में इस वायरस का जन्म हुआ?
यह अभी भी एक सवाल ही बना हुआ जिसका जवाब ढूंढने के प्रयास हो रहे है पर विफल हैं। वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई देशों ने चीन पर सवाल उठाए थे। जिसकी जांच जारी है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जिन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों को चीन भेजे गया, उन्होंने कहा कि तलाश रुक गई है। क्योंकि चीनी अधिकारी वायरस के आंकड़े देने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने इसी साल चीन भेजी थी टीम..
इस साल की शुरुआत में WHO ने विशेषज्ञों की टीम वुहान भेजी थी। वुहान चीन का वह शहर यह जहां से दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पहला मामला आया था। टीम यह पता लगाने गई थी कि किन कारणों से महामारी फैली, लेकिन चीनी अधिकारियों ने इस काम में बाधा डाली हुई है।
वैज्ञानिकों ने कहा..
वायरस का जन्म कहां हुआ? इस सवाल के जवाब पर चीन के रवैया ने एक बार फिर पूर्ण विराम लग दिया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि “इस रहस्य पर से पर्दा उठाने के रास्ते तेज़ी से बंद हो रहे हैं।” इसका कारण साफ है कि चीन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों का इसमें सपोर्ट नहीं कर रहा है। चीन के इस रवैया से यह बात भी साफ होती है कि इस बात को छुपाने की कोशिश चीन द्वारा की जा रही है।
चीन देता है गोपनीयता का हवाला..
नेचर जर्नल में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टिप्पणियों में कहा गया है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और तत्काल साझेदारी की जरूरत है, लेकिन चीनी अधिकारी अभी भी रोगियों की गोपनीयता का हवाला देते हुए कुछ आंकड़े देने से हिचक रहे हैं। चीन की साझेदारी न मिलने के कारण गतिरोध बना हुआ है।
वहीं,वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वायरस जानवरों से इंसानों में फैला या चीन की प्रयोगशाला (laboratory) से इसका प्रसार हुआ, इस निर्णय पर खुफिया समीक्षा के दौरान नहीं पहुंचा जा सका है।
आपको बता दें कि इस वायरस ने दुनिया में इस हद तक तबाही मचाई है की विश्व के कई देशों में करोड़ों लोगों की जाने इस वायरस ने ले ली है। वहीं इस वायरस ने अपने नए-नए स्वरूप भी बना लिए हैं, जो कि और भी खतरनाक है। इसमें से सबसे अधिक घातक डेल्टा वैरिएंट है, जिसने वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। भारत में भी इस डेल्टा वैरिएंट से ऐसे कई लोगों की जान जा चुकी है जिन्होंने फुल वैक्सिनेशन करा रखा था।