कोवीशील्ड के दो टीकों के बीच अंतराल 16 हफ्ते तक बढ़ाने का फ़ैसले को लेकर क्या मोदी सरकार ने झूठ बोला? भारत सरकार ने जिस टीकाकरण समूह की सर्वसम्मत मंज़ूरी का हवाला देते हुए यह फ़ैसला लिया था, उसके तीन सदस्यों ने इससे इंकार किया है। सरकार ने दो ख़ुराकों के बीच के अंतर को 6-8 सप्ताह की जगह 12-16 सप्ताह कर दिया था।
भारतीय मीडिया के हेडलाइन मैनेजमेंट का कमाल दिखा रही मोदी सरकार के लिए वैश्विक समाचार एजेंसी रॉयटर्स की ओर से जारी ये ख़बर चिंता की बात होनी चाहिए।
रॉयटर्स के मुताबिक राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) के 14 सदस्यों में शामिल तीन वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस तरह की सिफ़ारिश करने के लिए निकाय के पास पर्याप्त डेटा नहीं है।
EXCLUSIVE: The Indian government doubled the gap between the two doses of the AstraZeneca COVID-19 vaccine without the agreement of the scientific group that it said recommended the increase https://t.co/20oSd9k2UQ by @krishnadas56 and @devjyotghoshal pic.twitter.com/QIB3XbErF9
— Reuters India (@ReutersIndia) June 16, 2021
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के पूर्व निदेशक एम.डी.गुप्ते ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर दो खुराकों के बीच के अंतर को 8-12 सप्ताह तक बढ़ाया गया था, लेकिन सरकार ने 12-16 सप्ताह की जो अवधि लागू की, उसके बारे में कोई डेटा या जानकारी नहीं है। उनके सहयोगी वेज्ञानिक मैथ्यू वर्गीज़ ने भी कहा है कि सिफ़ारिश केवल 8-12 सप्ताह के लिए थी। कोविड वर्किंग ग्रुप के सदस्य जे.पी.मुलियिल ने भी कहा कि अंतराल को 12 से बढ़ाकर 16 हफ्ते करने का कोई फ़ैसला नहीं हुआ था।
हालाँकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफ़ाई देते हुए एक ट्वीट किया है और अपनी बात दोहरायी है कि वैज्ञानिक सलाह के बाद ही अंतराल बढ़ाया गया।
#LargestVaccineDrive #Unite2FightCorona
Dr. N.K Arora, #COVID19 Working Group, NTAGI highlights multiple studies that have been considered before making the decision to increase the gap between the two doses of Covishield vaccine. @PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey pic.twitter.com/AdQfnkjPKZ
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 16, 2021
ज़ाहिर है, इस ख़बर से सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये कि क्या ये टीकों की कमी को ढकने का बहाना था। लेकिन ऐसा करने से टीके से प्राप्त सुरक्षाचक्र कमज़ोर पड़ सकता है। यानी टीके का उतना असर नहीं रहेगा जितना कि उसकी ताक़त है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस ख़बर पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी अपनी छवि बचाने के लिए जनता की जान लेने पर आमादा हैं।
देश को तुरंत व पूर्ण टीकाकरण चाहिए- मोदी सरकार की निष्क्रियता से हुई वैक्सीन की कमी को छुपाने के लिए भाजपा के रोज़ के झूठ और खोखले नारे नहीं!
PM की झूठी छवि बचाने के लिए केंद्र सरकार की लगातार कोशिशें वायरस को बढ़ावा दे रही हैं और जनता की जान ले रही हैं। pic.twitter.com/zE0XbNgVca
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 16, 2021