उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की ड्यूटी में संक्रमित होकर मरने वाले सैकड़ों शिक्षकों की मौत का मुद्दा बड़ा होता जा रहा है। आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से जारी करीब सात सौ ऐसे शिक्षकों की लिस्ट ट्वीट की जिनकी ड्यूटी में हुए संक्रमण से मौत हुई है। शिक्षक संघ ने 2 मई की मतगणना स्थगित करने की माँग की है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये हैं। उन्होंने लिखा है कि उप्र में चुनाव ड्यूटी करने वाले लगभग 700 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है। इसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है जिसे चुनाव ड्यूटी करने के लिए जबरन मजबूर किया गया। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता के बारे में एक बार भी विचार किए बिना उप्र की लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में इन चुनावों को कराया गया। बैठकें हुईं, चुनाव अभियान चला और अब ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोगों की बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही है जोकि झूठे सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।
प्रियंका गाँधी ने लिखा कि पूरे उप्र के ग्रामीण इलाकों में लोगों की घरों में मृत्यु हो जा रही है और इनको कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गिना भी नहीं जा रहा क्योंकि ग्रामीण इलाकों में टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का रुख सच दबाने की तरफ है और उसका अधिकतम प्रयास जनता व लोगों की दिन रात सेवा कर रहे मेडिकल समुदाय को भयभीत करने में रहा है। उप्र में जो घट रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध से कम नहीं है और उप्र राज्य चुनाव आयोग इसमें भागीदार है।
Over 700 teachers have died in Uttar Pradesh, including a pregnant lady who was forced to attend polling duty for the Panchayat elections.
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 1, 2021
ग़ौरतलब है कि उ.प्र.शिक्षक महासंघ ने भी कल चेताया था कि अगर पंचायत मतगणना नहीं रोकी गयी तो शिक्षक इसका बहिष्कार करेंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में महासंघ ने लिखा था कि बार-बार कहने के बावजूद पंचायत चुनाव में कोरोना गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित नहीं कराया गया।
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