ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुए निर्मम बलात्कार के खिलाफ अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस मनाया। जिसमें मुख्य रूप से पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के आइसा कार्यकर्ता सड़क पर उतरे।
दिल्ली में इंडिया गेट पर कैंडल लाइट प्रोटेस्ट के आह्वान पर, हाथरस में सामूहिक बलात्कार के दलित पीड़ित के लिए न्याय की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के साथ दिल्ली पुलिस ने बेरहमी से मारपीट कर उन्हें हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया, महिला सदस्यों को बुरी तरह परेशान कर हिरासत में लिया।
आइसा के सदस्यों सहित दिल्ली सचिव प्रसेनजीत कुमार को पहले यह जानकारी नहीं दी गई कि पुलिस उन्हें कहां ले जा रही है। दिल्ली पुलिस ने 6:00 बजे के बाद महिलाओं को हिरासत में लिया प्रदर्शनकारी फिलहाल मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में है।
आइसा राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा कि पूरे देश में न्याय प्रक्रिया ध्वस्त हो चुकी है। न्याय मांग रहे लोगों पर सरकार लाठियां चलवा रही है। उत्तर प्रदेश बलात्कार और हत्याओं की प्रयोगशाला बनती जा रही है। भाजपा की योगी सरकार बनने के बाद दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर हिंसा व उत्पीड़न के मामलों में गुणात्मक इज़ाफ़ा हुआ है।
हम सरकार को यह साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि उनके दमन के आगे हमारी आवाजें दबने वाली नहीं है। न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
यूपी भवन पर हुआ विरोध प्रदर्शन
इसके पहले आइसा, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन एसोसिएशन और अन्य महिला और छात्र संगठनों ने यूपी भवन में हाथरस के दलित बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी जब यूपी भवन पहुंचे तो दिल्ली पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। आइसा दिल्ली के राज्य सचिव प्रसेनजीत कुमार सहित सभी छात्रों और कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की आवाज़ को रोकने के प्रयासों के बावजूद, पुलिस स्टेशन पर विरोध जारी रहा। आइसा के कार्यकर्ताओं ने अन्य छात्रों के साथ मंदिर मार्ग के परिसर के भीतर भी निरंतर नारे लगाए और प्रदर्शन जारी रखा।
विरोध प्रदर्शन में शामिल संगठनों ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में उत्तर प्रदेश महिलाओं और दलितों के लिए बुरे सपने में बदल गया है। महिलाओं और दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार कानून-व्यवस्था की विफलता को दर्शाते हैं। हाथरस की बलात्कार पीड़िता, एक 19 वर्षीय दलित महिला की उच्च जाति द्वारा हत्या कर दी गई । यूपी पुलिस ने उसके परिवार की इच्छा के विरूद्ध उसके शव का अवैध रूप से अंतिम संस्कार कर दिया। इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि यूपी में दलितों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है और कैसे संस्थागत भेदभाव होता है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम हाथरस के दलित बलात्कार पीड़िता के गुप्त मध्य रात्रि दाह संस्कार के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी और अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सजा की मांग करते हैं।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को भारत की जनता को जवाब देना होगा! यूपी पुलिस को अवैध रूप से पीड़ित के शरीर का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी लेनी होगी!
लखनऊ में कई महिला नेता गिरफ्तार
लखनऊ में प्रो0 रूपरेखा वर्मा, मधु गर्ग, मीना सिंह समेत कई महिला नेताओं को हजरतगंज चौक पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महिला संगठनों से जुड़ी नेता GPO स्थित गांधी प्रतिमा पर हाथरस की बेटी को श्रद्धांजलि देने जा रही थीं। महिला नेताओं को गिरफ्तार कर ईको गार्डेन ले जाया गया जहां गिरफ्तार महिला नेताओं ने कैंडिल जलाकर पीड़िता को श्रद्धांजलि दी!