उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में दबंगों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतापगढ़ के फतनपुर थाने के भुजैनी गांव में दबंगों ने 25 वर्षीय युवक अंबिका पटेल को पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया है। कुछ दिन पहले पट्टी थानाक्षेत्र के गोविंदपुर-परसठ गांव में दंबगों ने पटेल समुदाय के लोगों पर हमला किया था। इसके बाद कुंडा के मुरैना गांव में भी पटेल समुदाय के लोगों पर हमला किया गया, जिसमें गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी है। ये सभी मामले अभी ठंडे भी नहीं पड़े थे कि अब ये दिल दहलाने वाला मामला सामने आ गया।
युवक के जिंदा जलाए जाने की खबर के बाद गांववालों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस को भी लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। पुलिस को वहां से हवाई फायरिंग करते हुए भागना पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की दो जीप और तीन अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बाद में भारी पुलिस बल के साथ आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात पर काबू किया।
गांववालों के मुताबिक मृतक युवक गांव की ही एक लड़की से प्रेम करता था। हाल ही में लड़की की नौकरी यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर लगी है और उसकी पोस्टिंग कानपुर में हुई है। दोनों एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे, लेकिन परिवार वाले राजी नहीं थे। परिवार वालों के राजी नहीं होने पर मृतक युवक ने लड़की के साथ अपनी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं। जिसके बाद युवती के परिजनों ने अंबिका पर मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन कुछ दिन बाद में वह जमानत पर छूटकर आ गया था।
मृतक युवक के परिजनों का आरोप है कि सोमवार रात को कुछ लोग आये और अंबिका को उठाकर ले गये। उन्होंने युवक को पेड़ में बंधकर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हालात काबू में आने के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों से कई लोगों को हिरासत में लिया है। गांव में हत्या के बाद तनाव को देखते हुए पीएससी की दो कंपनियां तैनात की गई हैं।
आपको बता दें कि इसके पहले 22 मई को पट्टी के गोविंदपुर-परसठ गांव में सामंती ब्राह्मण दबंगों ने पुलिस को बुलाकर और उसकी मौजूदगी में पिछड़े वर्ग के पटेल किसानों पर बर्बर हमला किया था। घरों में आग लगा दी। जिसमें दो भैंसें जल कर मर गईं। इसके बाद किसानों के तरफ से भी इस हमले का प्रतिवाद हुआ। इस पर पुलिस ने 11 नामजद व 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 11 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। धर-पकड़ व दहशत से ज्यादातर किसान गांवों से पलायन कर चुके हैं।
दरअसल यहां गांव के अमर तिवारी की भैंस ने पटेल किसान की खेती का नुकसान किया, जिसकी शिकायत किसान महिला ने तिवारी के घर पर की। इसे सामंती धाक को चुनौती समझ तिवारी ने महिला के घर पर चढ़कर उसके पति की बुरी तरह पिटाई की। इस घटना का भी किसानों ने जोरदार प्रतिवाद किया। बाद में पुलिस के साथ मिलकर सामंतों ने किसानों के ऊपर हमला बोल दिया। अभी भी किसानों में रोष और भय व्याप्त है।
इस घटना के बाद प्रतापगढ़ के कुंडा के मुरैना गांव में दबंगों ने पटेल समुदाय पर हमला किया। जिसमें गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। इसके साथ ही जेठवारा थाना क्षेत्र के ऐंठी नौबस्ता में दलित परिवार पर हमला किया गया, जिसमें दो की हालत गंभीर है।
प्रतापगढ़ में पटेल समुदाय पर हुए हमलों पर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस, अपना दल(एस), भाकपा (माले), अपना दल (कृष्णा गुट) के नेताओं ने गांव का दौरा किया और पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही है। यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष चौधरी वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। योगी सरकार का दबंगों और अपराधियों को मौन समर्थन प्राप्त है।